परिषद के अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि पुरानी पेंशन बहाली और आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर लगभग 10 वर्षों से आन्दोलनरत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं ने आगामी चुनाव में कर्मचारी शिक्षक और उनके परिजनों के शतप्रतिशत मतदान की ब्लॉक स्तर तक कार्ययोजना तैयार की है।
उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार आसानी से पुरानी पेंशन बिना किसी वित्तीय भार के कर सकती है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पुरानी पेंशन बहाली के स्पष्ट रूप से घोषणा कर चुके हैं, लेकिन कुछ लोग कर्मचारियों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में सपा को कर्मचारी और शिक्षकों में विश्वास दिलाने के लिए एक-दो कर्मचारी शिक्षक नेताओं को विधानसभा में ले जाने की अतिशीघ्र घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कोई भी शासकीय सेवक अपने सेवाकाल में 300 से 360 महीने सेवारत रहता है। हर महीने पेंशनमद में उस कार्मिक और सरकार का एक निश्चित अंशदान जमा होता है। इतने माह के बाद उस कर्मचारी के खाते में सामान्यत: इतनी राशि जमा हो जाती है कि उसके ब्याज से पेंशन का भुगतान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल इसका जीता जागता प्रमाण है।