कर्मचारियों के डीए में 14% बढ़ोत्तरी की घोषणा, क्या 18 महीने के बकाये का होगा एकमुश्त भुगतान?
वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उद्यम विभाग ने इस साल जनवरी में एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें गैर-संघीय केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) सहित बोर्ड स्तर और बोर्ड स्तर से नीचे के पदों के बारे में बताया गया था – 1.4.2015 से संशोधन. 01.01.2007 के संबंध में संशोधित दरों पर आईडीए का भुगतान
सीपीएसई (CPSE) के बोर्ड स्तर और बोर्ड स्तर से नीचे के अधिकारियों और गैर-संघीय पर्यवेक्षकों को देय डीए (DA) डीए की दरों का संकेत दिया गया है. सीपीएसई (CPSE) के अधिकारियों और गैर-संघीय पर्यवेक्षकों को 2007 के वेतनमान के लिए 01.01.2022 से देय डीए की दर 184.1% है.”
डीए (DA) की उपरोक्त दर यानी 184.1% आईडीए (IDA) कर्मचारियों के मामले में लागू होगी, जिन्हें डीपीई ओएम के अनुसार संशोधित वेतनमान (2007) की अनुमतियां दी गई है. दिनांक 26.11.2008, 09.02.2009 और 02,04.2009.
कार्यालय ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार के सभी प्रशासनिक मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि वे अपनी ओर से आवश्यक कार्रवाई के लिए अपने प्रशासनिक नियंत्रण वाले सीपीएसई के ध्यान में लाएं.
क्या केंद्रीय कर्मचारियों को एक साथ मिलेगा 18 महीने का बकाया?
इस बीच, कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल इस मामले को चर्चाएं के लिए लेने पर विचार कर रहा है.
नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के शिव गोपाल मिश्रा के हवाले से ज़ी न्यूज हिंदी की एक रिपोर्ट में पहले उल्लेख किया गया था कि लेवल -1 कर्मचारियों का डीए बकाया 11,880 रुपये से 37,554 रुपये तक है. जबकि रिपोर्ट के हवाले से, लेवल-13 (7वें सीपीसी मूल वेतनमान 1,23,100 रुपये से 2,15,900 रुपये) या लेवल-14 (वेतनमान) के लिए कर्मचारी का डीए बकाया 1,44,200-2,18,200 रुपये होगा. कि भुगतान किया जायेगा.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बकाया से संबंधित मुद्दों पर जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और वित्त मंत्री के बीच चर्चा की गई. हालांकि कोई ठोस जवाब नहीं मिला. कर्मचारी अभी भी मांग पर अड़े हैं और कथित तौर पर सरकार के साथ बातचीत जारी है. हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही कैबिनेट सचिव से इस पर चर्चा हो सकती है. व्यय विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी हैं और लगभग 60 लाख पेंशनभोगी हैं।