नहीं पहुंची जूते-मौजे की रकम, रुकेगा बीईओ-शिक्षकों का वेतन

एटा। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौ हजार से अधिक बच्चों को खंड शिक्षाधिकारी और शिक्षकों की वजह से डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांजक्शन) की रकम नहीं मिल सकी है। शिक्षा विभाग ने लापरवाही बरतने वाले बीईओ और शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। सर्दियों का पूरा मौसम बीतने के बाद भी बच्चों को रकम नहीं मिलने से स्वेटर और जूते-मौजे तक नसीब नहीं हो सके। इसको लेकर विभागीय तेबर सख्त हुए हैं।


जिले की आठ ब्लॉकों में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 1691 बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय हैं। इनमें 165864 बच्चे शिक्षारत हैं। इनमें से खंड शिक्षाकारियों और शिक्षकों की लापरवाही की वजह से 9426 बच्चों को डीबीटी के माध्यम से 1100 रुपये (प्रति बच्चा) नहीं मिल सके हैं। यही वजह रही कि कड़ाके की सर्दी में बिना स्वेटर, जूते-मौजे, ड्रेस और बैग के ही बच्चों को पढ़ने जाना पड़ा। शासन की ओर से डीबीटी नहीं मिलने वाले बच्चों का संज्ञान लिया गया तो बीईओ और शिक्षकों की लापरवाही उजागर हुई है।

ऐसे बच्चों का डाटा विभाग की ओर से बनाया गया है, जिसमें आठों बीईओ और सैकड़ों की संख्या में शामिल लापरवाह शिक्षक सामने आए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद की गंभीरता को देखते हुए लापरवाही बरतने वाले बीईओ और शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं और 24 फरवरी की सुबह 11 बजे तक डीबीटी से छूटे बच्चों से संबंधित जवाब तलब किया गया है। साथ ही वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।

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