इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश भर में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया। कोरोना की वजह दो साल बाद एक बार फिर इस अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलाया जाएगा।
बच्चों को भोजन करवाते हुए सीएम योगी काफी खुश नज़र आ रहे थे। इस दौरान प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद रहे। इसके पहले स्कूल चलो अभियान के शुभारंभ के मौके पर सीएम ने कहा कि
शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिए बेसिक शिक्षा को अच्छा बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से स्कूलों को गोद लेने का आह्वान किया। कहा कि हम-आप मिलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार करेंगे। शैक्षिक सुधार में शिक्षकों के साथ जनप्रतिनिधि और नागरिक भी अपना योगदान दें। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित विधायकों से एक-एक स्कूल गोद लेने का आह्वान किया। कहा कि अपने गोद लिए स्कूल में सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले परिषदीय स्कूलों की हालत बहुत बुरी थी। यहां पढऩे-लिखने का माहौल ठीक नहीं था।
मिशन कायाकल्प का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों की तस्वीर बदली जा रही है। यह जरूरी है कि हमारे स्कूल दिखने में भी सुंदर हों। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं की अच्छी उपस्थिति हो। कोशिश होनी चाहिए कि शत प्रतिशत बच्चे नियमित रूप से स्कूल आएं। उन्होंने शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों से इसके लिए अभिवाकों को प्रेरित करने का आह्वान किया। कहा कि शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहें। यदि कोई बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है तो इसका कारण जानें।
कोई बच्चा वंचित न रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल चलो अभियान से कोई बच्चा वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंनें शिक्षकों से अगले एक महीने घर-घर दस्तक देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को स्कूल ले जाना, स्कूल में उसका रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही यूनिफॉर्म, किताबें, बैग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ बड़ी लड़ाई के दौरान भी प्रदेश में शिक्षा का काम जारी रहा। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करने के बाद सक्षम होगा तो समाज भी सक्षम होगा। जब समाज सक्षम होगा तो फिर सक्षम राष्ट्र का सपना भी साकार होगा।