पेपर लीक कांड में फंसे बलिया जनपद के तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक डा. ब्रजेश मिश्र की सम्पत्ति की जांच शुरू हो गयी है। शासन के साथ ईडी ने डीआईओएस की संपत्ति का ब्योरा मांगा है।
पुलिस अधीक्षक अधिसूचना उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ डॉ. अरविद चतुर्वेदी की ओर एक पत्र निदेशक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद को जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व डीआईओएस डॉ. ब्रजेश मिश्र की ओर से नियुक्ति के समय दिए गए सम्पत्ति के ब्योरा को ध्यान में रखकर उनकी संपत्ति की जांच की जा रही है। इसके अलावा वेतन विवरण, आचरण नियमावली, दंड तथा अपील नियमावली, पैन व आधार कार्ड आदि की भी जांच की जा रही है। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को जरूरी दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है। उधर ईडी ने भी इस मामले में जिविनि कार्यालय से दस्तावेजों की मांग की है। गौरतलब है कि 30 मार्च को यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान इंटर के अंग्रेजी विषय का पर्चा लीक हो गया था। इस मामले में तत्कालीन डीआईओएस डॉ. ब्रजेश मिश्र समेत कुल 52 को गिरफ्तार किया गया था। करीब एक माह तक आजमगढ़ जेल में बंद रहने के बाद डीआईओएस को कुछ दिन पहले ही जमानत मिली है। इस सम्बंध में प्रभारी जिविनि अतुल तिवारी का कहना है कि सर्तकता अधिष्ठान की ओर से जो जानकारी मांगी गयी है उसे उपलब्ध कराया जा रहा है।
पहली बार नकल से जुड़ा किसी जिविनि का नाम
यूपी बोर्ड परीक्षा में इंटर अंग्रेजी विषय का पर्चा आउट होने के मामले में पहली बार किसी जिला विद्यालय निरीक्षक का नाम आरोपितों में शामिल हुआ है। सूत्रों के अनुसार तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक के खिलाफ ईडी व अन्य एजेंसियों ने जांच की तो पता चला कि उसने अकूत सम्पत्ति बना रखी है। आरोपित जिविनि पर हरदोई व इलाहाबाद में तैनाती के दौरान शिक्षा विभाग की नियुक्तियों आदि से जुड़े कई मामले पहले ही प्रकाश में आ चुके हैं। हालांकि उपर के अफसरों तक मजबूत पकड़ के चलते वह पूरी मुश्तैदी से डटे रहे।