लखनऊ। राजधानी के सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में गलत ढंग से मेथोडिस्ट चर्च स्कूल को मान्यता देने के मामले में तीन अधिकारियों व एक बाबू को निलंबित कर दिया गया है। इसमें बीएसए विजय प्रताप सिंह, तत्कालीन एडी बेसिक पीएन सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स विनय कुमार श्रीवास्तव व एडी बेसिक कार्यालय में तैनात प्रधान सहायक दाता प्रसाद पर गाज गिरी है। पीएन सिंह वर्तमान में प्रयागराज में डीआईओएस के पद पर तैनात हैं। बीएसए व तत्कालीन एडी बेसिक पर कार्रवाई प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने डीएम की रिपोर्ट पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा की गई संस्तुति के बाद की है। दोनों अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ मंडल को सौंपी गई है। साथ ही दोनों को बेसिक शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय लखनऊ से संबद्ध किया गया है। उधर, डिप्टी रजिस्ट्रार को अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन वित्त प्रशांत त्रिवेदी ने निलंबित किया है। उन पर फर्जी तरीके से सोसाइटी गठन में सहयोग देने का आरोप है।
ये है मामला
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जब एक जुलाई को नया सत्र प्रारंभ हुआ तो 139 वर्ष पुराने सेंटीनियल हायर सेकेंडरी स्कूल के मूल भवन में मेथोडिस्ट चर्च स्कूल चलता मिला। वहीं, सेंटीनियल को इस भवन के सामने स्थित क्रीड़ा मैदान में शिफ्ट कर दिया गया था। सेंटीनियल के शिक्षकों और छात्रों को मूल भवन में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था। इस पर गत आठ जुलाई को सेंटीनियल के शिक्षकों ने मूल भवन के सामने सड़क पर ही क्लास लगा दी।
मामले ने तूल पकड़ा नौ जुलाई को डीएम, सीडीओ, नगर मजिस्ट्रेट समेत शिक्षा व पुलिस अधिकारियों ने घंटों की कार्रवाई के बाद सेंटीनियल स्कूल से मेथोडिस्ट चर्च स्कूल का कब्जा हटा दिया। इसके साथ ही मेथोडिस्ट को बंद कराते हुए उसके 121 छात्रों को दूसरे स्कूलों में समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। मामले में डीएम ने 12 लोगों पर एफआईआर के साथ विभागीय जांच के आदेश भी दिए थे। प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी पत्र के अनुसार जांच में पाया गया कि सरकारी सहायता प्राप्त सेंटीनियल स्कूल की जमीन पर मेथोडिस्ट चर्च स्कूल को मान्यता देने के प्रकरण में बीएसए व तत्कालीन एडी बेसिक ने गहनता से जांच नहीं की। सहायता प्राप्त स्कूल की जमीन विभाग में बंधक होती है, जिस पर निजी स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती।
तत्कालीन मंडलायुक्त की रिपोर्ट पर नपे डिप्टी रजिस्ट्रार
लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल रहीं अणिमा रिसाल वह 31 मार्च 2022 को रिटायर हुई थीं। इससे उन्होंने पहले पद पर रहते हुए 31 मार्च 2021 को फर्जी तरीके से लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज गोलागंज लखनऊ की प्रबंध समिति की सूची में प्रबंधक पद पर पंजीयन करा लिया था। इस सोसायटी में सेनीटियल समेत छह संस्थान संचालित हैं। यह सारा खेल डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स लखनऊ मंडल की मिलीभगत से हुआ। मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन मंडलायुक्त रंजन कुमार ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच भी कराई थी, जिसमें इसकी पुष्टि हुई थी। इधर, सेंटीनियल मामले ने तूल पकड़ा तो तत्कालीन मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर अब डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स लखनऊ मंडल विनय कुमार श्रीवास्तव पर भी गाज गिर गई। उधर, डीएम के निर्देश अणिमा रिसाल सिंह के खिलाफ प्रबंधक पद पर पंजीकरण तिथि से लेकर प्रधानाचार्य पद से रिटायर होने की अवधि तक प्राप्त वेतन की वसूली की कार्रवाई की जा रही है।
दूसरे बाबू पर गिरी गाज
सेंटीनियल मामले में निलंबित प्रधान सहायक दाता प्रसाद एडी बेसिक कार्यालय में तैनात था। उसे सीटीई लखनऊ से संबद्ध किया गया है। उस पर मान्यता देने की प्रक्रिया में घोर लापरवाही करने का आरोप लगा है। इससे पहले जेडी सुरेंद्र कुमार तिवारी ने वरिष्ठ सहायक आलोक कुमार सिंह को निलंबित किया था। इसके अलावा निलंबित बीएसए अणिमा रिसाल सिंह के पुत्र अक्षय रिसाल सिंह और तत्कालीन बीईओ शिवनंदन सिंह पर एफआईआर दर्ज करा चुके हैं। शिवनंदन की पेंशन रोकने की भी कार्यवाही चल रही है।