मिड-डे मील में छिपकली मामला, प्रधानाध्यापक निलंबित, शिक्षामित्र के वेतन पर लगाई रोक, 30 बच्चे हुए थे फूड पॉइजनिंग का शिकार

मुजफ्फरनगर में मिड-डे मील की ताहरी खाने से सदर ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय बीबीपुर के 30 बच्चे फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। बच्चों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। वहीं अभिभावकों और बच्चों का कहना है कि ताहरी में छिपकली गिरी थी। बीएसए शुभम शुक्ला ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर शिक्षामित्र के वेतन पर रोक लगा दी है। भोजन माता को भी हटा दिया है। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने अस्पताल और गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली।




बुधवार को जानसठ रोड स्थित बीबीपुर गांव के स्कूल में सुबह करीब 11 बजे मिड-डे मील में बच्चों के लिए ताहरी बनाई गई थी। भोजन करने के कुछ देर बाद ही बच्चों ने तबीयत खराब होने की शिकायत शुरू कर दी। एक बच्चा शिक्षामित्र के पास ताहरी लेकर पहुंचा और छिपकली गिरी होने की शिकायत की। भोजन में छिपकली का शोर मचा तो स्कूल में चीख-पुकार मच गई। कुछ बच्चों ने पेट में दर्द की शिकायत की तो कुछ ने गले में खरास की बात कही। इसके बाद अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए।


वहीं जिला पंचायत सदस्य तरुण पाल भी स्कूल में पहुंचे। वहीं जिन बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब थी, उन्हें अपनी गाड़ी से जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान स्कूल में जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद स्कूल में एंबुलेंस पहुंची। उर, कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार, सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार, बीएसए शुभम शुक्ला, ग्राम प्रधान राजेश कुमार जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चों से बातचीत की।


 
अभिभावकों का कहना है कि शिक्षकों ने लापरवाही की है। कौशल विकास मंत्री ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की और मामले की जांच के आदेश दिए। बीएसए ने बताया कि तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। प्रधानाध्यापक अशोक कुमार को निलंबित कर दिया गया है। शिक्षामित्र रणवीर का वेतन रोका गया है और दो भोजन माताओं को हटा दिया गया है। दो दिन में मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि बच्चों को किसी तरह की परेशानी नहीं है।

कपिल देव अग्रवाल ने गोद लिया था स्कूल
कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने पिछले दिनों ही इस स्कूल को गोद लिया था। प्रकरण की जानकारी मिलते ही वह पहले अस्पताल और फिर गांव पहुंचे।