गौरीगंज (अमेठी ) । पंजीकृत छात्रों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, बैग व स्वेटर दिलाने के लिए उनके अभिभावकों को डीबीटी योजना का लाभ दिलाने में लापरवाह मिले 1028 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोक दिया गया है। बीएसए ने अवशेष कार्य पूर्ण करने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया है।
प्रदेश सरकार परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को प्रति वर्ष दो सेट यूनिफॉर्म, स्वेटर, बैग व जूता मोजा के लिए निर्धारित राशि आवंटित करती है। दो वर्ष पूर्व तक यह राशि स्कूल के खाते में भेजकर प्रधानाध्यापकों के माध्यम से वितरण कराया जाता था। कोरोना काल में पिछले वर्ष से शासन इस योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान अभिभावकों के खाते में भेजता है। डीबीटी से अनुदान पहुंचने में कोई बाधा न आए इसके लिए प्रधानाध्यापकों को सभी बच्चों का आधार बनवाने व उसे प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर सत्यापित कराने को कहा गया था।
लगातार चल रही कवायद के बावजूद अब तक जिले में 15,262 छात्रों का आधार कतिपय कारणों से प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सका है। इसकी वजह से उनके अभिभावक के खाते में धनराशि अंतरित नहीं हो पा रही है। शुक्रवार को इस मामले में शासन से हुई समीक्षा के बाद बीएसए संगीता सिंह ने जिले के 1652 परिषदीय स्कूलों में कार्यरत प्रधानाध्यापक में से ऐसे 1028 प्रधानाध्यापकों के वेतन पर रोक लगा दी है जिनकी प्रगति 95 प्रतिशत से कम है। बीएसए की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यदि 17 नवंबर तक काम पूरा नहीं हुआ तो सभी के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।