लखनऊ। प्रदेश में 40,000 बालिकाओं को कक्षा नौ में आवासीय सुविधा के साथ निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा। ये मौका मिलेगा उच्चीकृत हो रहे लगभग 400 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में...। अगले दो सत्रों में 20-20 हजार छात्राओं को प्रवेश मिलेगा। प्रदेश में 746 केजीबीवी हैं। इनमें से अभी केवल 56 केजीबीवी में कक्षा नौ से 12 तक की छात्राएं पढ़ रही हैं। इतनी बड़ी संख्या में आवासीय सुविधा के साथ पढ़ने की सुविधा प्रदेश मेें पहली बार दी जाएगी।
प्रदेश में 446 केजीबीवी को कक्षा 9 से 12 तक किया जा रहा है, इनमें से 56 में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। बचे हुए 390 में से 50 फीसदी में मार्च, वर्ष 2023 और बचे हुए स्कूलों में मार्च 2024 में पढ़ाई शुरू की जाएगी। इन्हें दो मॉडलों पर विकसित किया गया है। जिन केजीबीवी के आसपास तीन किमी के इलाके में माध्यमिक स्तर के स्कूल हैं, वहां केवल हॉस्टल का निर्माण किया गया है ताकि छात्राएं यहां पढ़ें और उन्हें केजीबीवी के हॉस्टल में रहने का मौका मिले। वहीं कुछ ऐसे हैं, जहां स्कूल न होने पर एकेडेमिक ब्लॉक और हॉस्टल दोनों बनाए जा रहे हैं।
अभी कक्षा छह से आठ तक की है सुविधा
प्रदेश के केजीबीवी में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई की सुविधा है लेकिन कक्षा आठ के बाद आसपास माध्यमिक स्कूल न होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई छूट जाती थी, इसे देखते हुए समग्र शिक्षा अभियान के तहत केजीबीवी में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई की सुविधा दी रही है। अभी प्रदेश के 56 केजीबीवी उच्चीकृत हो चुके हैं और यहां करीब छह हजार को इसका लाभ दिया जा रहा है। वहीं 74 हजार छात्राएं कक्षा छह से आठ तक की शिक्षा ले रही हैं।
300 केजीबीवी को भी किया जाएगा कक्षा 12 तक
बचे हुए 300 केजीबीवी को उच्चीकृत करने का प्रस्ताव अगले वर्ष केन्द्र सरकार के सामने रखा जाएगा। ये ऐसे केजीबीवी हैं जिनके पास मानक के मुताबिक जमीन नहीं है। इन्हें ब्लॉक में अन्य जगहों पर मौजूद जमीन पर उच्चीकृत करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।