कैशलेस स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का विरोध किया


 संतकबीरनगर जिले के राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के नेतृत्व में शिक्षकों ने सरकार के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का विरोध किया। योजना की खामियों से नाराज शिक्षकों ने बीमा पॉलिसी की प्रतियां जलाईं। शिक्षकों ने कहा कि इस तरह की कोई कैशलेस पॉलिसी स्वीकार नहीं है जिसमें निजी बीमा कंपनियों से भी ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़े।


प्रदेश सरकार द्वारा बुधवार को परिषदीय शिक्षकों के इलाज के लिए कैशलेस बीमा पॉलिसी का आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में तीन लाख से दस लाख तक की बीमा पॉलिसी का आदेश जारी किया गया है। इसमें दम्पति के अलावा दो बच्चे तथा आश्रित माता पिता कवर होंगे। सरकार ने इसके लिए प्राइवेट बीमा कंपनियों की तरह प्रीमियम राशि तय कर रखी है जो 18 हजार से लेकर 76 हजार तक वार्षिक है।
महासंघ के जिलाध्यक्ष नवीन त्रिपाठी ने कहा कि यह कतई स्वीकार नहीं है। सरकार ने दोहरा मापदंड अपनाया है। प्रदेश के दूसरे विभागों के कर्मचारियों को सरकार बिना किसी प्रीमियम के स्वास्थ्य बीमा कवर दे रही है जबकि परिषदीय शिक्षकों से प्रीमियम लिया जा रहा है। परिषदीय शिक्षक सरकार के इस दोहरे रवैये से आहत हैं। यदि प्रीमियम लेकर ही बीमा देना है तो कैशलेस इलाज का कोई मतलब नहीं है। यह शिक्षकों के साथ सरासर अन्याय है। सरकार की ऐसी कोई योजना स्वीकार नहीं की जाएगी। विरोध करने वालों में अरविंद चौधरी, मनोज पांडेय, सर्वेश त्रिपाठी, अभिषेक सिंह, सूचित चौधरी, अमरेश चौधरी, रामप्रकाश राकैशलेस स्वास्थ्य बीमा की प्रतियां जलाकर जताया विरोधय, ओमनारायण, मनोज मिश्रा, विवेक पांडेय, शशांक श्रीवास्तव, संदीप त्रिपाठी, श्रवण चौधरी आदि मौजूद रहे।