गुरुजी की पदोन्नति में अधिकारी बने रोड़ा, सैकड़ों इन्चार्ज प्रधानाध्यापक सँभाल रहे विद्यालय की कमान


ललितपुर, खण्ड शिक्षा अधिकारी ही परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों की पदोन्नति में बाधक बन गये है। विभागीय अधिकारियों ने कई बार सहायक अध्यापकों की वरिष्ठता सूची तैयार करने के निर्देश दिये लेकिन खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने इसे तनिक भी गम्भीरता से नहीं लिया। अन्तिम बार 8 जनवरी तक खण्ड शिक्षा अधिकारियों से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची मँगाई थी। अन्तिम तिथि बीत जाने के बाद भी किसी खण्ड शिक्षा अधिकारी ने वरिष्ठता सूची उपलब्ध नहीं कराई है। इससे प्रमोशन की बाट जोह रहे अध्यापकों में नाराजगी है।


जनपद में 1353 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इनमें प्राथमिक विद्यालय 862 उच्च प्राथमिक विद्यालय 319 और कम्पोजिट विद्यालय 172 है। इन विद्यालयों में कार्यरत अध्यापक विगत सात वर्ष से पदोनति की राह देख रहे हैं। लम्बे अर्से बाद शासन ने शिक्षकों को पदोन्नत करने का आदेश जारी किया। इस आदेश के जारी होने के बाद पदोन्नति की कगार पर बैठे अध्यापकों में उम्मीद बन्धी थी, लेकिन यह उम्मीद धरी की धरी रह गई। इसकी वजह है खण्ड शिक्षा अधिकारी, जो वरिष्ठता सूची तैयार करने में ढिलाई बरत रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के कई जनपदों में बीएसए की ओर से पदोत्रति के लिये वरिष्ठता सूची बनाने का आदेश दिया गया। साथ ही शिक्षकों की पदोन्नति के लिये वरिष्ठता सूची बनाने का काम चल रहा है, लेकिन जनपद में यह कार्य पू र्ण नहीं हो सका। बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार हर वर्ष वरिष्ठता सूची जारी होना चाहिये। वर्ष 2021 से ही शिक्षक संगठनों की तमाम माँगों के बाद वरिष्ठता सूची बनाने के लिये बीएसए की ओर से कई आदेश हुये। एक साल बाद भी वरिष्ठता सूची का प्रकाशन नहीं हो सका है। नियमतः वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कर आपत्तियाँ माँगी जाती हैं। तब संशोधित वरिष्ठता सूची जारी की जाती है। सूची जारी होने के बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों की उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति होती है। प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापकों की पदोत्रति उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक अथवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर होती है। खण्ड शिक्षा अधिकारियों की शिविल कार्यप्रणाली के चलते अभी तक वरिष्ठता सूची ही तैयार नहीं हो पाई। इससे प्रमोशन की कमार पर खड़े शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है।


सैकड़ों इन्चार्ज प्रधानाध्यापक सँभाल रहे विद्यालय की कमान

प्रधानाध्यापक पद पर पदोत्रत नहीं होने से सैकड़ों विद्यालयों में इन्चार्ज प्रधानाध्यापक विद्यालय की कमान संभाल रहे हैं। जनपद में सैकड़ों प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहाँ प्रधानाध्यापक का पद सृजित है। इसके बाद भी पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे विद्यालयों का संचालन. प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा किया जा रहा है।