बलरामपुर। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के फर्जी समायोजन आदेश से नौकरी हासिल करने वाले 15 शिक्षकों के मामले में अब विभाग सख्त हो गया है। डीआइओएस गोविंद राम ने प्रबंधकों से पूछा है कि फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्ति व एफआईआर के मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रबंधकों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
जिले में बीते दिनों 10 कॉलेजों के 15 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी मिली थी। सत्यापन में पाया गया कि जिस आदेश से वह जिले में नौकरी कर रहे हैं, वह आदेश ही फर्जी है। बोर्ड से इस तरह का कोई समायोजन आदेश जारी ही नहीं किया था।
ऐसे में डीआईओएस ने 25 फरवरी को ही संबंधित कॉलेजों के प्रबंधकों को पत्र लिखा था। इसमें संबंधित शिक्षक की सेवा समाप्त करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराकर एक प्रति उपलब्ध कराने को कहा था। साथ ही अब तक के वेतन भुगतान की धनराशि की वसूली के लिए भी निर्देश दिया गया था। अब तक किसी भी कॉलेज ने इसकी अनुपालन आख्या नहीं भेजी है। इस पर अब खोजबीन शुरू हो गई है।
इधर, यूपी बोर्ड की परीक्षा छोड़ने वाले परीक्षार्थियों के कारणों की जांच शुरू हो गई है। परीक्षार्थियों ने परीक्षा क्यों छोड़ी, क्या वजह रही। इसको लेकर स्कूलों से जानकारी जुटाई जा रही है।
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