ओएमआर सीबीएसई पीछे, यूपी बोर्ड पासपास


प्रयागराज, । ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन) शीट पर परीक्षा लेने से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने भले ही हाथ खींच लिए हों लेकिन यूपी बोर्ड इस साल ओएमआर पर हाईस्कूल की परीक्षा कराने में सफल रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के तहत यूपी बोर्ड ने 2021-22 सत्र से पहली बार कक्षा नौ के छात्र-छात्राओं की गृह परीक्षा ओएमआर पर ली थी।

उसके बाद 2022-23 सत्र से हाईस्कूल में यह व्यवस्था लागू की गई। 70 अंकों की हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों को पहली बार दो भागों में बांटा गया था। प्रश्नपत्र के लगभग 30 प्रतिशत यानि 20 अंक का प्रथम भाग बहु विकल्पीय प्रश्न (मल्टीपल च्वॉयस क्वेश्चन) पर आधारित था, जिसका उत्तर परीक्षार्थियों ने ओएमआर शीट पर दिया। दूसरा भाग 50 नंबर का वर्णनात्मक प्रश्नों का था, जिसका उत्तर पूर्व से चली आ रही व्यवस्था के अनुसार पारंपरिक उत्तरपुस्तिकाओं पर दिया। बोर्ड के लगभग 28 हजार स्कूलों में पंजीकृत हाईस्कूल के 31,16,487 छात्र-छात्राओं की परीक्षा ओएमआर पर भी लेना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन बोर्ड अपने इस प्रयोग में सफल रहा और कहीं से किसी प्रकार की शिकायत सुनने को नहीं मिली। वहीं सीबीएसई ने 2022 की हाईस्कूल की टर्म वन परीक्षा में ओएमआर का प्रयोग किया था। जगत तारन गोल्डन जुबली स्कूल की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो का कहना है कि 2022 की हाईस्कूल टर्म वन के बाद सीबीएसई ने ओएमआर पर परीक्षा नहीं ली है।