लखनऊ, । यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं तो उनमें से किसी से किसी एक को नगरीय निकायों के चुनाव में ड्यूटी से मुक्ति मिल सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर की मांग पर प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से इस मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है।
यूटा ने आयोग से मांग की थी कि यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हैं तो उन दोनों में से किसी एक को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए, क्योंकि पोलिंग पार्टी में शामिल कर्मचारी को मतदान से एक दिन पूर्व जाना होता है और रात्रि निवास मतदान केन्द्र पर ही करना होता है। ऐसे में यदि दोनों को ड्यूटी पर जाना पड़ा तो उनके समक्ष बच्चों के देखभाल का संकट पैदा हो जाता है। संगठन की मांग पर आयोग की तरफ से संयुक्त निर्वाचन आयुक्त सुधा वर्मा ने प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि दम्पत्ति कार्मिक में से यदि कोई एक चुनाव ड्यूटी से मुक्ति के लिए प्रार्थनापत्र देता है तो पंचायत निर्वाचन की भांति उसको ड्यूटी से मुक्त रखने के संबंध में साहनुभूतिपूर्वक विचार किया जाए।