किसान निधि का लाभ देने के लिए 22 मई से 10 जून तक अभियान
किसान निधि का लाभ देने के लिए 22 मई से 10 जून तक अभियान
14वीं किस्त के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 13 किस्तों का वितरण पूरा कर लिया गया है। अब 14वीं किस्त के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। निर्धारित एवं आवश्यक औपचारिकताओं के कारण किसानों को किसी भी प्रकार की दुविधा ना हो, इसको लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़े अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसमें पुराने पंजीकृत किसानों के प्रकरणों और नये कृषकों को जोड़ने के लिए अभियान चलेगा। इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक पूरे प्रदेश में पीएम किसान लाभार्थी संतृप्तीकरण अभियान चलाया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले शिविरों में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सेक्रेटरी, लेखपाल, तकनीकी सहायक (कृषि), कॉमन सर्विस सेंटर, पोस्ट ऑफिस के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। जिससे कि ई-केवाईसी, बैंक खाते की आधार लिंकिंग एवं लैंड सीडिंग के काम को सफलता पूर्वक कराया जा सके।
प्रदेश में अब तक वंचित रहे किसानों की तैयार होगी सूची, घर-घर पहुंचेगी टीम
वरिष्ठ अफसर ग्राम पंचायतों का करेंगे दौरा
ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान से पहले घर-घर सर्वेक्षण एवं प्रचार-प्रसार का अभियान चलाया जाएगा। इसमें ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्राम स्तरीय कर्मियों के साथ घर-घर सर्वेक्षण कर ऐसे कृषकों की सूची तैयार कर ली जाएंगी, जो विभिन्न कारणों से इस लाभ से वंचित हैं। इसके बाद निर्धारित शिविर की तिथि पर अभिलेख जैसे आधार कार्ड, खतौनी एवं आधार सीडेड बैंक एकाउंट की पास बुक की प्रति लेकर कैम्प स्थल पर उपस्थित होने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस दौरान कृषि सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर शिविरों का निरीक्षण भी करेंगे।
लखनऊ,। प्रदेश के शत-प्रतिशत अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिले, इसके लिए योगी सरकार बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर यह अभियान 22 मई से शुरू होगा जो 10 जून तक चलेगा। हालांकि, इससे पहले ही 20 मई तक सरकार के नुमाइंदे घर-घर जाकर ऐसे कृषकों की सूची तैयार करने में जुटे हुए हैं, जो विभिन्न कारणों से इस लाभ से अब तक वंचित हैं। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6000 रुपये प्रतिवर्ष की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लगातार अभियान चलाते हुए प्रदेश के शत-प्रतिशत पात्र किसानों को योजना का लाभ प्रदान किया जाए। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र सीधे-सीधे इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। बड़ी संख्या ऐसे किसान हैं जिन्होंने अभी तक ओपेन सोर्स से आवेदन नहीं किया है। इसके अलावा ऐसे कृषक भी हैं जिन्होंने ओपेन सोर्स के तहत आवेदन तो किया है, मगर आवेदन स्वीकृत नहीं हुए हैं। जिन कृषकों का भूलेख अपडेट नहीं हुआ है, उन्हें भी किस्तें प्राप्त नहीं हो रही है। कई बार पंजीकृत कृषकों के भूलेख का सत्यापन होने के बावजूद उनके बैंक खाते का आधार से लिंक न होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।