प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) अब भर्ती के विज्ञापनों के साथ संबंधित विभाग की सेवा नियमावली भी जारी करेगा, ताकि भर्ती के बाद कोई विवाद न हो और कम से कम मामले कोर्ट जाएं। भर्ती परीक्षाएं समय से पूरी हों, इसे देखते हुए आयोग ने यह कदम उठाया है।
तमाम विभागों की सेवा नियमावलियों में समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं। भर्ती के विज्ञापन जारी होने के बाद ऐसे अभ्यर्थी भी आवेदन कर देते हैं जो नियमावली की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे होते। ऐसे में अभ्यर्थियों का चयन हो जाता है, लेकिन नियुक्ति नहीं मिल पाती। कुछ ऐसे उदाहरण भी हैं, जिनमें आयोग के विज्ञापन और विभाग की सेवा नियमावली में अंतर पाया गया।
ऐसे में जिन अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ, वे कोर्ट चले गए और नियमावली के विवाद में पूरी भर्ती ही फंस गई। अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती इसका एक उदाहरण है। एपीएस भर्ती 2010 में अभ्यर्थियों को नियमावली का उल्लंघन करते हुए शॉर्ट हैंड में आठ फीसदी तक की गलती पर छूट दी गई थी।
यह गड़बड़ी सीबीआई जांच में पकड़ी गई और इसके बाद सीबीआई ने इस भर्ती में अनियमितता को लेकर तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की।