जब स्कूल खुलते हैं तो फिर किस बात का अवकाश !


फतेहपुर/ खागा, । अब अगले वर्ष के लिए अवकाश सम्बन्धित सूची जारी करने का समय धीरे धीरे नजदीक आ रहा है। इसे देखते हुए शिक्षक शासन द्वारा आगामी वर्ष के लिए सार्वजनिक एवं निर्बन्धित अवकाश की सूची जारी करने से पहले कुछ तथ्यों पर गौर करने की अपील करने लगे हैं। शिक्षक अंदरखाने इस तथ्य का विरोध कर रहे हैं कि जब राष्ट्रीय पर्वों व कुछ महापुरूषों के जन्मदिवस में विद्यालय खोले जाते हैं तो उन्हें परिषद द्वारा जारी अवकाश सूची में शामिल क्यों किया जाता है।



शिक्षकों का तर्क है कि स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती महापुरूषों की जयंतियों में परिषदीय स्कूल खोलकर इन्हें धूमधाम से मनाया

जाता है। शासन ने भी कुछ महापुरूषों की जयंतियों में घोषित होने वाले अवकाशों को समाप्त कर विद्यालयों में इन्हें उल्लास पूर्वक मनाने के निर्देश दिए हैं। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रदेश इकाई ने भी पूर्व में बेसिक शिक्षा परिषद को पत्र भेजकर इस तथ्य पर विचार करने की मांग की थी।

परिषद के सदस्य भी हों आमंत्रित

संगठन ने कहा था कि अवकाश तालिका बनाते समय बेसिक शिक्षा परिषद के सदस्यों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। जन्म दिवसों और पर्वों को अवकाश सूची में स्थान * देने की बजाए उनके लिए अलग से निर्देश दिए जाएं।