प्रयागराज : राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को पदोन्नति नियमित नहीं दी जा रही, जिससे उन्हें पदलाभ नहीं मिल रहा। पदोन्नति में विलंब से शिक्षकों में नाराजगी है। राजकीय शिक्षक संघ ने मांग की है कि सहायक अध्यापक (एलटी) से प्रवक्ता, प्रवक्ता से अधीनस्थ राजपत्रित पदों पर प्रतिवर्ष पदोन्नति दी जाए। अधीनस्थ राजपत्रित यानी हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति नियमित नहीं होने से पदोन्नति कोटे के अधिकांश पद रिक्त हैं।
एलटी से प्रवक्ता पद पर पुरुष संवर्ग में 2009 में पदोन्नति मिली थी। उसके बाद 2022 में फिर पदोन्नति दी गई, लेकिन केवल 10 विषय में 794 शिक्षकों को। इन्हें भी इतना विलंब से मिली कि बच्ची सेवा में वर्ष भर या इससे भी कम समय होने के कारण अधिकांश ने नए पदस्थापन स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। शेष आठ विषय के 1091 शिक्षक आज भी पदोन्नति पाने की प्रतीक्षा में सेवानिवृत्ति के नजदीक पहुंच रहे हैं।
पदोन्नति के लिए अपर शिक्षा निदेशक राजकीय के यहां से पत्रावली उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में भेजी तो गई, लेकिन गोपनीय आख्या (सीआर) अपूर्ण होने के कारण आयोग ने विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक नहीं की और पत्रावली शिक्षा निदेशालय को वापस कर दी। ढाई साल से पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। यही स्थिति एलटी और प्रवक्ता कोटे से गजटेड पदों पर पदोन्नति को लेकर है।