परिषदीय स्कूलों में अनुपस्थित छात्रों को घर बुलाने जाएंगे शिक्षक

• अभी औसतन 70 प्रतिशत से कम ही विद्यार्थी आ रहे स्कूल

• फरवरी से टीमें गठित कर स्कूलों का किया जाएगा निरीक्षण


लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए फरवरी से अभियान शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच के लिए भी टीमें गठित की जाएंगी। अभी औसतन 70 प्रतिशत तक विद्यार्थी ही विद्यालय आ रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में 1.91 करोड़ विद्यार्थी हैं। पिछले छह वर्षों में सुविधाएं बढ़ने के कारण करीब 40 लाख विद्यार्थी बढ़े हैं।

पिछले महीनों के रिकार्ड को देखते हुए इसमें सुधार के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में शिक्षक अब अभिभावकों से संपर्क साधेंगे और उन्हें विद्यार्थियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। इतना ही नहीं चार दिन से अधिक अनुपस्थित होने पर छात्र के घर शिक्षक जाएंगे। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक से लेकर 29 फरवरी तक विद्यालयों का विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। देखा जाएगा कि विद्यालयों में शिक्षक समय पर पहुंच रहे हैं या नहीं, विद्यार्थियों की उपस्थिति कितनी है




और विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की क्या स्थिति है। सिर्फ बागपत, बुलंदशहर, शामली, बस्ती, सोनभद्र, अंबेडकर नगर और महोबा ही ऐसे जिले हैं जहां पर 70 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी स्कूल आ रहे हैं। बाकी 68 जिलों में बीते महीनों में विद्यार्थियों की इससे कम उपस्थिति रही है। अगर विद्यार्थी चार से अधिक दिन अनुपस्थित है तो शिक्षक उसके घर जाएंगे और अभिभावक को बताना होगा कि बच्चा स्कूल क्यों नहीं आ रहा था।