परिषदीय शिक्षक : इस सत्र में भी नहीं हो सकी घर वापसी

  • परिषदीय शिक्षकों का अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादला फंसा 
  • हाईकोर्ट ने सत्र समाप्त होते ही कार्यमुक्त करने का दिया था आदेश

2023-24 शैक्षणिक सत्र बीतने के बावजूद प्रदेशभर के तकरीबन चार हजार परिषदीय शिक्षकों की घर वापसी का सपना पूरा नहीं हो सका। हाईकोर्ट ने सत्र समाप्त होते ही शिक्षकों के स्थानान्तरण के आदेश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा है कि अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादले का इंतजार दस महीने बाद भी पूरा नहीं हो सका।



अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अंतर जनपदीय सामान्य और पारस्परिक तबादले का आदेश दो जून 2023 को जारी किया था। जिसके अनुसार ग्रीष्मावकाश में दोनों तबादले की प्रक्रिया समानान्तर चलनी थी। सामान्य तबादले का

आदेश मात्र 25 दिन के अंदर 26 जून को जारी हुआ और दो जुलाई को सभी कार्यमुक्त हो गए। हालांकि अंतर जनपदीय पारस्परिक तवादले का मामला अब तक फंसा हुआ है।

शुरुआत में कुछ ऐसे शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया था जो पहले एक बार अंतरजनपदीय पारस्परिक तबादले का लाभ ले चुके थे। इन शिक्षकों को जोड़ा बनाने से रोका गया तो उनमें से कुछ शिक्षक हाईकोर्ट चले गए और परिणाम भी इनके पक्ष में आया लेकिन विभाग ने इनकी पेयरिंग नहीं कराई। जबकि

पारस्परिक स्थानान्तरण के आवेदन और पेयरिंग की प्रक्रिया तीन महीने में ही पूरी हो गई थी। सचिव प्रताप सिंह बघेल के 29 दिसंबर के आदेश पर 11 से 13 जनवरी तक शीतावकाश के बीच इनकी कार्यमुक्ति होनी थी। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका करने वाले शिक्षक निर्भय सिंह का कहना है कि पारस्परिक तबादले के लिए शिक्षकों को कार्यमुक्त न करना उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के समान है। नियमानुसार समय से कार्रवाई होनी चाहिए ताकि शिक्षक पूरे मनोयोग से शिक्षण कर सकें।