‘बच्चों की पढ़ने की आदत अभ्यास छूटना भयावह’

 

नए सत्र 2024-2025 के शुभारम्भ पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) नई दिल्ली की ओर से जगत तारन गोल्डेन जुबिली स्कूल में शुक्रवार को प्रधानाचार्यों के लिए ‘साइंस ऑफ रीडिंग’(पठन का विज्ञान) विषय पर कार्यशाला हुई।



मुख्य अतिथि सीबीएसई के अकादमिक निदेशक डॉ. जोसे़फ इमैन्यूअल ने कहा कि आज के तकनीकी प्रधान समाज में बच्चों के पढ़ने की आदत व अभ्यास छूटता जा रहा है जो कि एक भयावह स्थिति है। जब बच्चा पढ़ने की कला से परिचित नहीं होगा, तो शिक्षा उसे बोझ लगेगी। इसलिए आवश्यकता है कि विद्यालय को एक खुशहाल स्थान बनाया जाए एवं बच्चों में पढ़ने के प्रति रुचि जागृत की जाए, जिससे कि वह भविष्य में एक श्रेष्ठ विचारक बन सके। मुख्य वक्ता इंग्लिश लैंग्वेज ट्रेनर व भाषाविद् भानु पौडेल ने सीबीएसई रीडिंग मिशन, रीडिंग चैलेंज, रीडिंग ऐप, निपुण कार्यक्रम व पठन क्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने आगे कहा कि विद्यार्थी जितना अधिक पढ़ने से परिचित होंगे, वे उतने ही कुशल बनेंगे। जगत तारन एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी व सचिव संजीव चंदा ने मुख्य अतिथि डॉ. जोसे़फ इमैन्यूअल, विशिष्ट अतिथि सीबीएसई क्षेत्रीय अधिकारी ललित कुमार कपिल व सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के प्रधान अखिलेश कुमार को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न प्रदान कर स्वागत व सम्मान किया। कार्यशाला में शंकर चैटर्जी, मनोज बैनर्जी, अमित नियोगी आदि उपस्थित रहे।