29 January 2025

विश्वविद्यालय में गलत नियुक्ति की जांच का अधिकार राज्य सरकार को नहीं : हाईकोर्ट

 

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लविवि के प्रो. बिमल जायसवाल को राहत देते हुए उनकी गलत नियुक्ति मामले में राज्य सरकार को जांच करने से रोक दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार को विश्वविद्यालय की नियुक्ति में धांधली की जांच का अधिकार नहीं है।





न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की पीठ ने एलयू के प्रोफेसर बिमल जायसवाल की याचिका पर सोमवार को यह आदेश सुनाया। याचिका में कहा गया कि प्रोफेसर बिमल कुमार की नियुक्ति के खिलाफ सरकार ने आठ जनवरी 2025 को चार सदस्यीय जांच समिति बना कर जांच के आदेश दिए। समिति को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे।


याची के अधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार को विश्वविद्यालय के मामले में जांच के अधिकार नहीं है। वहीं, याचिका का विरोध करते हुए सरकारी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि याची की नियुक्ति नान क्रीमीलेयर में की गई थी, जबकि उनके पिता भी विवि में प्रोफेसर थे। एक प्रोफेसर के बेटे की नियुक्ति नान क्रीमीलेयर में करना गलत है। अदालत ने मामले की जांच को सक्षम अधिकारी से कराने की अनुमति दी है।