27 June 2025

टीजीटी विज्ञान की भर्ती से जीव विज्ञान में स्नातक डिग्रीधारी बाहर

प्रयागराज। प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) विज्ञान विषय के शिक्षकों की भर्ती से जीव विज्ञान में स्नातक डिग्रीधारियों को बाहर कर दिया गया है। यूपी बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन ने एडेड कॉलेजों की भर्ती में राजकीय माध्यमिक विद्यालय की संशोधित नियमावली मान्य कर ली है।



राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तो एलटी ग्रेड जीव विज्ञान की भर्ती का प्रावधान है जिसमें जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान से स्नातक और बीएड को मान्य किया गया है।वहीं एडेड कॉलेजों में टीजीटी जीव विज्ञान के पद को समाप्त कर दिया है और टीजीटी विज्ञान में केवल भौतिक तथा रसायन विज्ञान के साथ स्नातक अभ्यर्थियों को ही मौका दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईस्कूल विज्ञान विषय में एक तिहाई भाग जीव विज्ञान का है। भौतिक तथा रसायन विज्ञान के साथ स्नातक अभ्यर्थी केवल हाईस्कूल स्तर तक ही जीव विज्ञान का अध्ययन करता है। किसी विषय को केवल हाईस्कूल तक पढ़कर हाईस्कूल के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे सकता। जबकि जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा रसायन विज्ञान से स्नातक अभ्यर्थी इंटर कक्षाओं तक भौतिक विज्ञान भी पढ़ता है।


पूर्व में टीजीटी विज्ञान और जीव विज्ञान दोनों विषय के लिए अध्यापकों का चयन होता था। नई व्यवस्था से जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा रसायन विज्ञान से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक (टीजीटी) बनने के अवसर से हमेशा के लिए वंचित कर दिया गया है। वित्तविहीन स्कूलों के लिए अर्हता स्पष्ट नहींप्रयागराज। माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि पूर्व में शैक्षिक अर्हताएं मान्यता प्राप्त संस्थाओं तथा सहायता प्राप्त संस्थाओं दोनों के संबंध में समान रूप से लागू थी। अब केवल सहायता प्राप्त संस्थाओं के लिए अर्हता निर्धारित की गई है। ऐसे में वित्तविहीन स्कूलों के लिए हाईस्कूल तथा इंटर के शिक्षकों की अर्हता क्या होगी, यह स्पष्ट नहीं है। नई व्यवस्था में प्रवक्ता नागरिक शास्त्र के लिए अर्हता में नागरिक शास्त्र विषय में स्नातकोत्तर उपाधि का उल्लेख है। इसे राजनीति विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर उपाधि होना चाहिए।इनका कहना हैप्रवक्ता पद के लिए निर्धारित शैक्षिक अर्हताओं में संबंधित विषय में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ केवल शिक्षा स्नातक (बीएड) की उपाधि को अनिवार्य माना गया है। यह सीधी भर्ती से नियुक्ति के लिए तो उचित हो सकता है, किंतु पदोन्नति से नियुक्ति के लिए न्यायसंगत नहीं है। माध्यमिक विद्यालयों में हजारों की संख्या में एलटी प्रशिक्षण प्राप्त सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक वेतन क्रम में) नियुक्त हैं। ऐसे शिक्षकों की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति बीएड उपाधि के अभाव में बाधित की जा रही है। अतः एलटी प्रशिक्षण को समकक्ष अर्हता के रूप में सम्मिलित किया जाना चाहिए।लालमणि द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री ठकुराई गुट