ओपन थिएटर तराशेंगे भावी शिक्षकों के विविध कौशल
आखिर ओपन थिएटर की जरूरत क्यों
डायट में शिक्षक प्रशिक्षण ट्रेनिंग के दौरान यह महसूस किया गया कि भावी शिक्षकों को समस्या समाधान, कम्युनिकेशन स्किल नेतृत्व क्षमता और उनकी तर्कशक्ति को भी बढ़ाना जरूरी है। जब यह भावी शिक्षक आगे स्कूल जाएंगे तो विद्यार्थियों की समस्याओं को समझ सकेंगे। उनकी काउंसिलिंग कर सकेंगे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे अपनी समस्याओं को बताने में संकोच करते हैं। ऐसे में जब शिक्षक उनसे अच्छ व्यवहार करेंगे।
उनके साथ घुल-मिलकर रहेंगे तो उनकी समस्या को समझ सकेंगे। वहीं गीत-संगीत, नृत्य व खेल के माध्यम से उनकी रुचि को निखारेंगे।
● अब प्रत्येक डायट में बनाया जाएगा यह खुला मंच
● प्रशिक्षुओं की तर्क शक्ति व नेतृत्व क्षमता बढ़ाएंगे
लखनऊ, । अब सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्रों (डायट) में ओपन थिएटर बनाया जाएगा। यहां डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं की तर्क शक्ति, कम्युनिकेशन स्किल और नेतृत्व क्षमता का विकास किया जाएगा। हर हफ्ते किसी न किसी मुद्दे पर कार्यक्रम आयोजित कर प्रत्येक भावी शिक्षक की सॉफ्ट स्किल को तराश जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने ओपन थिएटर व खुला मंच बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने बताया कि तमाम प्रशिक्षु अपने विषय की पढ़ाई के साथ-साथ गीत-संगीत, कला, खेल और फोटोग्राफी जैसे शौक रखते हैं।
यहां ओपन थिएटर में विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। हर हफ्ते किसी न किसी विशेषज्ञ को आमंत्रित कर उन्हें विभिन्न विषयों की जानकारी दिलाई जाएगी।
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खास लाल पत्थर से बनेगा ओपन थिएटर
डायट में ओपन थिएटर को खास राजस्थानी लाल पत्थरों से बनाया जाएगा। बीच में एक मंच होगा और गोलाकार में पांच राउंड अलग-अलग बेंच होंगी। जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, योग व अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे।