20 June 2025

राहत : नए सुविधा टूल से रिटर्न भरना पहले से आसान होगा, क्यों है यह जरूरी

 आयकर विभाग ने ऑफलाइन सुविधा टूल जारी किया है। इसकी मदद से वेतनभोगी और छोटे कारोबारी आसानी से खुद ही वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न भर सकते हैं। अभी यह टूल आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म के लिए उपलब्ध है।


यह सुविधा खासकर उन लोगों को राहत देगी, जो ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन तरीके से आईटीआर दाखिल करते हैं। इससे पहले विभाग ने 30 मई को इन दोनों फॉर्म के लिए एक्सेल आधारित ऑफलाइन सुविधा टूल जारी किया था। इसमें करदाता विभाग की वेबसाइट से एक्सेल फाइल को डाउनलोड कर आईटीआर तैयार कर सकते हैं। इसके बाद विभाग ने हाल ही में जावास्क्रिप्ट/जेसन आधारित ऑफलाइन सुविधा टूल को भी जारी कर दिया है। यह एक तरह का सॉफ्टवेयर होता है, जिसके जरिए आयकर रिटर्न भरी जा सकती है। इसे भी विभाग के पोर्टल से डाउनलोड करना होगा।


क्या है खासियत : यह सुविधा टूल करदाता को ऑफलाइन तरीके से आयकर रिटर्न तैयार करने में मदद करता है। इसका डिजाइन नए आयकर सिस्टम पर आधारित है। यह टूल पहले से भरे हुए डाटा को उपलब्ध कराता है, जिसके चलते आईटीआर फॉर्म में जानकारियां भरते वक्त त्रुटियों की गुंजाइश खत्म हो जाती है।


करदाता आसानी से फॉर्म को सत्यापित कर सकते हैं। यह टूल भरे हुए आईटीआर फॉर्म को जेसन फाइल प्रारूप में बनाता है, जिसे आयकर पोर्टल पर अपलोड करना होता है। यह एक्सेल टूल जैसा काम करता है, बस दोनों का काम करने का तरीका कुछ अलग है।


क्यों है यह जरूरी

आयकर विभाग के मुताबिक, यह कदम करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान और सहज बनाने के लिए उठाया गया है। यह टूल कर गणना में कोई गड़बड़ी किए बिना सटीक रिटर्न तैयार करने में मदद सकता है।


● ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाकर ‘डाउनलोड’ सेक्शन से आईटीआर-1 या 4 के लिए जरूरी Common Offline Utility टूल डाउनलोड करें।


● इसे कंप्यूटर पर इंस्टॉल करें। अगर पहले से इंस्टॉल है, तो इंटरनेट से जुड़ते ही इनका नया संस्करण अपडेट हो जाएगा।


● इसे खोलने के बाद पैन और आकलन वर्ष (2025-26) चुनना होगा। फिर, पहले से भरे हुए डाटा को जेसन प्रारूप में डाउनलोड या ’एक्सपोर्ट’ करना होगा।


● इस डाटा में आय, टीडीएस और अन्य जानकारी पहले से भरी होगी, जिसे करदाता सत्यापित और सुधार कर सकता है।


● जानकारी भरने के बाद करदाता जेसन फाइल बना सकते हैं। इसे ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करके रिटर्न दाखिल की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।


नई और पुरानी कर व्यवस्था के तहत करदाता

टूल दोनों कर व्यवस्थाओं (नई और पुरानी) के तहत रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देता है। नई कर व्यवस्था में छूट और कटौतियाँ सीमित हैं, जबकि पुरानी व्यवस्था में विभिन्न छूट उपलब्ध हैं।