शासन की जांच में खुलासा, फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में मिला दूसरा मामला
फिरोजाबाद। स्वतंत्रता सेनानी के फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने का दूसरा मामला सामने आया है। गाजियाबाद निवासी एक छात्रा ने दादा का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर प्रवेश पा लिया था।
उसे निरस्त कर दिया गया है। पूर्व में पकड़े गए मामले के बाद शासन स्तर से जांच शुरू होने के बाद कई जिलों में यह गड़बड़ी उजागर हो चुकी है।
छात्रा नैन्सी खंडेलवाल, पुत्री विजय खंडेलवाल, निवासी ग्राम झंडापुर, साहिबाबाद, जिला गाजियाबाद ने यूपी नीट यूजी 2025 की प्रथम काउंसलिंग के माध्यम से फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था।
नीट में नैन्सी की 356210 वीं रैंक थी, जिसके चलते सामान्य श्रेणी में उसे सरकारी कॉलेज में सीट मिलना असंभव था। छात्रा ने दादा के नाम से मेरठ जिले का स्वतंत्रता सेनानी प्रमाणपत्र संलग्न कर दाखिले में आरक्षण का लाभ लिया। प्रवेश प्रक्रिया
पूर्ण भी हो गई। लेकिन जब शासन स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन शुरू हुआ, तो इस पूरे मामले की परतें खुलने लगीं। प्रवेश के दौरान जांच होने पर ऐसे ही और मामलों के खुलासे के कयास लगाए जा रहे हैं।
घोटाले की आशंका
कम मेरिट पर भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर घोटाले की भी आशंका जताई गई है। क्योंकि शासन ने 15 छात्रों के सत्यापन मेरठ जिलाधिकारी कार्यालय से कराए थे। इसमें 14 फर्जी प्रमाणपत्र पाए गए हैं।
स्वतंत्रता सेनानी के फर्जी प्रमाण पत्र से दाखिला लेने का पहला मामला फिरोजाबाद में ही पकड़ा गया था। शासन ने जांच कराई तो अन्य मामले सामने आए हैं। जिसमें फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले चुकी छात्रा भी शामिल पाई गई है। छात्रा का एडमिशन निरस्त करने के लिए शासन को पत्राचार किया गया है। - डा. योगेश गोयल, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज