मानव संपदा पोर्टल फीडिंग कराने BRC आई शिक्षिका निकली कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप और साथी कर्मी दहशत में


लखनऊ।  बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही जिले के शिक्षकों पर भारी पड़ सकती है। मोहनलालगंज ब्लाक में एक महिला शिक्षिका के कोरोना संक्रामित पाए जाने के बाद न तो खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को सैनीटाइज किया गया और न ही वहां काम करने वाले कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई गई। 



जानकारों के अनुसार शिक्षिका की कोरोना रिपोर्ट आने से तीन दिन पहले खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय अपने कार्य से गई थी। इसे लेकर ब्लाक के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है जबकि विभाग मामले को दबाने में जुटा है। मोहनलालगंज के क्रमोत्तर कन्या विद्यालय में तैनात बैंककर्मी शिक्षिका के पति का 21 जून की शाम को कोविड-19 का सैम्पल लिया गया। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद शिक्षिका और उनके दोनों बेटों को सैंपल लिया गया। जो कोरोना पाजिटिव निकले। 


20 जून को कोरोना संक्रामित शिक्षिका भी पोर्टल पर फीडिंग कराने कार्यालय गई थी। हालाकि संक्रामित शिक्षिका के साथ आई दूसरी शिक्षिकाओं को जानकारी दे दी गई। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर बने स्कूलों को और बीआरसी को सेनेटाइज करने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की बात कई बार विभागीय अधिकारियों से कही गई। इसके आदेश भी जारी हुए, लेकिन ब्लॉक स्तर पर इसका पालन नहीं किया जा रहा है। 


मोहनलालगंज खण्ड शिक्षा अधिकारी धमेंद्र प्रसाद का कहना है कि सभी बीआरसी पर मानव सम्पदा पोर्टल की फीडिंग का कार्य चल रहा है। शिक्षिका 20 जून के बाद से बीआरसी पर नहीं आई थी। बीआरसी के सभी कर्मचारियों को कोरोना की जांच करवाई जाएगी।