परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को जल्द ही पौष्टिक गर्मा गर्म मध्याह्न भोजन

वाराणसी : कोरोना महामारी का प्रकोप कम होते ही अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज परिसर में बन रही केंद्रीयकृत रसोई के निर्माण कार्य में तेजी आ गई है। ऐसे में मशीनीकृत आधुनिक रसोई से शुद्ध व पौष्टिक मध्याह्न भोजन (एमडीएम) नए साल यानी जनवरी-2022 परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को मिलने की उम्मीद जग गई है। इस क्रम में अक्षय पात्र फाउंडेशन ने केंद्रीयकृत रसोई का ट्रायल भी शुरू कर दिया है। वर्तमान में करीब 1500 लोगों का प्रतिदिन मैनुअल भोजन ही बन रहा है। यह भोजन बीएचयू व मंडलीय अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया दिया रहा है।


केंद्रीयकृत रसोई के लिए उपकरण आने का क्रम भी शुरू हो गया है। चावल व दाल बनाने के लिए कोल ड्रन, रोटी बनाने की मशीन सहित अन्य उपकरण आ चुके हैं। यह मशीन एक घंटे में करीब एक लाख रोटियां बनाने में समक्ष है। इसी प्रकार सब्जी काटने, छीलने व धोने का यंत्र भी जल्द आने की संभावना जताई जा रही है। सभी उपकरण आने के बाद मध्याह्न भोजन पूरी तरह से मशीनों से बनाया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षित रसोईयों का भी चयन किया जाएगा। केंद्रीयकृत रसोई में करीब एक लाख बच्चों का भोजन एक साथ एक स्थान पर बनेगा। प्रथम चरण में 20 हजार बच्चों को इसकी शुरूआत की जाएगी। मार्च-2022 तक एक लाख बच्चों की क्षमता के अनुसार भोजन बनना शुरू होगा।

बन रहा केंद्रीयकृत रसोईघर ’ जागरण

50 करोड़ की लागत से बन रहा केंद्रीयकृत रसोईघर

अक्षय पात्र फाउंडेशन ने करीब 50 करोड़ की लागत से अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में केंद्रीयकृत रसोई बनाने का कार्य अगस्त 2018 से शुरू किया था। मार्च 2021 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य था। कोरोना महामारी के चलते निर्माण प्रभावित हुआ। अब चरणबद्ध तरीके रसोईघर बनाने का काम फिर शुरू हो गया है।