यूपी में विशेष आवश्यकता वाले आधे बच्चे भी नहीं जाते स्कूल

उत्तर प्रदेश में विशेष आवश्यकता वाले आधे बच्चे भी स्कूल नहीं जाते। इन बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के तमाम प्रयासों के बावजूद तीन से 18 आयु वर्ग के ढाई लाख से अधिक विशेष आवश्यकता वाले बच्चे स्कूल नहीं जाते। प्रदेश में अनुमानित 5,32,040 विशेष जरूरत वाले बच्चों में से केवल 2,68,055 (49.62 प्रतिशत) छात्र-छात्राएं ही स्कूल तक पहुंच रहे हैं।


प्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है। केंद्र सरकार ने अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चों की स्कूल तक पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग को साफ निर्देश दिया है कि कोई भी दिव्यांग बच्चा किताब, नामांकन, पढ़ाई के संसाधन या मार्गदर्शन से वंचित नहीं होना चाहिए। प्रत्येक दिव्यांग बच्चे का मूल्यांकन करने और इसके लिए ब्लॉक व क्लस्टर स्तर पर टीम गठित करने का सुझाव दिया गया है। यह टीम प्रत्येक बच्चे की दिव्यांगता का स्तर, बच्चे के विकास का स्तर, उसके लिए आवश्यक सहायता, सहायता उपकरण और उसके प्रशिक्षण सबसे उपयुक्त प्रशिक्षण का मूल्यांकन करेगी। समग्र शिक्षा के तहत दिव्यांग बालिकाओं को स्टाइपेंड देने की व्यवस्था की नियमित निगरानी के लिए कहा गया है।