10वीं-12वीं का परिणाम देने में पिछड़ा यूपी बोर्ड


प्रयागराज, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का परिणाम देने में यूपी बोर्ड पिछड़ गया। सुप्रीम कोर्ट ने कई साल पहले सभी राज्य के बोर्ड को 12वीं का परिणाम 10 जून तक घोषित करने का आदेश दिया था। इसका कारण है कि 12वीं के परीक्षार्थियों को आगे उच्च शिक्षा के लिए दूसरे संस्थानों में प्रवेश लेना होता है। परिणाम में देरी के कारण कई बार प्रवेश संभव नहीं हो पाता और ऐसे परीक्षार्थियों का एक कीमती साल खराब होने की नौबत आ जाती है।


कोरोना काल के दोनों साल में 10 जून तक परिणाम घोषित नहीं हो सके। 2020 में कोरोना के प्रकोप से पहले बोर्ड परीक्षाएं 18 फरवरी से छह मार्च तक करा ली गई थीं। हालांकि कोरोना के कारण मूल्यांकन में अड़चनें आईं और छह जून को कॉपी जांचने का काम पूरा हो सका। इसके चलते 2020 में 10वीं-12वीं का परिणाम 27 जून को घोषित हो सका था। उसके बाद 2021 में बोर्ड परीक्षा ही नहीं कराई जा सकी और 31 जुलाई को परिणाम घोषित हुआ। 2019 में 25 मार्च को मूल्यांकन पूरा हुआ था और 27 अप्रैल को रिजल्ट जारी किया गया था। 2022 में 24 मार्च से 12 अप्रैल तक परीक्षा कराई गई। इस साल 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं बोर्ड परीक्षा के बाद हो सकी। कॉपियों का मूल्यांकन मई के पहले सप्ताह में खत्म हो गया। इसके बावजूद परिणाम घोषित करने में देरी हो गई