कानपुर। आईआईटी के विशेषज्ञों ने डिस्लेक्सिया और डिस्याफिया से पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एक एप विकसित किया है। यह एप इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए पढ़ाई में मददगार साबित होगा। मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रो. ब्रज भूषण, प्रो. शतरूपा ठाकुरता रॉय और मनोचिकित्सक डॉ. आलोक बाजपेयी ने एप तैयार किया है। प्रो. ब्रज भूषण ने बताया कि एप बच्चों को ट्रेसिंग में सहायता करेगा। यहां उन्हें हिंदी अक्षरों का पता लगाने के लिए नीले और गुलाबी बिंदु का पालन करना होता है। जैसे ही बच्चा नीले बिंदु से गुलाबी बिंदु तक ट्रेस करना शुरू करता है, एक पीली
रेखा आती है। जब बच्चा विशेष रूप डिसग्राफिया से पीड़ित ट्रेसिंग क्षेत्र से विचलित होता है तो पीली रेखा गायब हो जाती है। इसके बाद एप उन्हें फिर से काम शुरू करने के लिए कहता है। एप पहले स्तर का गठन करता है। दूसरे स्तर में पहेली के रूप में हिंदी अक्षरों के ज्यामितीय पैटर्न सिखाए जाते हैं और श्रवण प्रतिक्रिया के माध्यम से पढ़ने की पेशकश की जाती है। तीसरा स्तर शब्दों को लिखने और समझने के लिए दृश्य श्रवण और हेप्टिक इनपुट को एकीकृत करता है। इस स्तर में कठिनाई के बढ़ते स्तर के साथ 120 हिंदी शब्द हैं।