Primary ka master: छुट्टियों में हेरफेर करने वाले 32 शिक्षकों की होगी जांच, खुद को रिपोर्टिंग अफसर बना कर किया फर्जीवाड़ा


लखनऊ- परिषदीय स्कूलों के कुछ शिक्षक खुद को ही रिपोर्टिंग अफसर बना कर छुट्टियों में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। ऐसे शिक्षकों की सूची बेसिक शिक्षा विभाग तैयार कर रहा है। महानिदेशक विजय किरन आनंद ने ऐसे 32 शिक्षकों के खिलाफ जांच के आदेश के दिए हैं, जिन्होंने छुट्टियों में हेरफेर किया है। संबंधित जिलों के बीएसए को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देनी है।


विजय किरन आनंद के मुताबिक निरीक्षण की सूचना या टीम के आने पर शिक्षक खुद को ही रिपोर्टिंग अफसर बना कर छुट्टी ले रहे हैं और शाम तक उसे कैंसल कर देते हैं। इनमें वे शिक्षक हैं, जिन्हें प्रधानाध्यापक के न रहने पर रिपोर्टिंग अफसर बनने का अधिकार दिया गया है। अब निरीक्षण के दौरान छुट्टियों पर रहने वाले शिक्षकों का ब्योरा खंगाला जा रहा है। इनमें वे शिक्षक भी शामिल हैं जिनकी मानव संपदा पोर्टल और सेवा पुस्तिका में अंतर दिख रहा है। इनमें लखनऊ बीकेटी की उमरभारी की नीभा राय के बाल्यकाल देखभाल अवकाशों का विवरण पोर्टल पर नहीं है, लखनऊ बनी की पदमा गुप्ता, कुशीनगर की विभा मिश्र की छुट्टियों का विवरण भी नहीं है। गोरखपुर की तिनकोनिया की अध्यापिका कंचन लता पाण्डेय ने 527 मेडिकल अवकाश लेकिन अपडेट नहीं है। वहीं सुलतानपुर पखनपुर की शिखा त्यागी ने 18 बार यहीं की रीना देवी ने 13 बार, बिजनौर मूसेपुर की शालिनी मलिक ने 18 बार, बलिया सुरहिया की संगीता श्रीवास्तव ने 15 बार, नगरा की कुसुम मौर्या व बभनौली के सुनील सिंह ने 11 बार रिपोर्टिंग अफसर बन कर अवकाश का आवेदन किया।

बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों में निरीक्षण का अभियान चला रहा है जिसमें मुख्यतः शिक्षकों की समय पर उपस्थिति जांची जा रही है। इससे बचने के लिए शिक्षक टीम के पहुंचने पर एकदम से आवेदन कर दे रहे हैं।