प्रदेश के शिक्षामित्रों ने लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय महासम्मेलन में भरी हुंकार, रखीं यह मांगे

शिक्षामित्रों के महासम्मेलन में समान कार्य के लिए समान वेतन की आवाज बुलंद की गई। रमाबाई मैदान पर आयोजित दो दिवसीय महासम्मेलन में शिक्षामित्रों ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जानी चाहिए। 11 के बजाय 12 महीने का मानदेय दिया जाए।

सोमवार को आदर्श सामायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन, दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ और उत्तरप्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के तत्वाधान में आयोजित महासम्मेलन के पहले दिन रमाबाई मैदान पर जुटे शिक्षामित्रों ने मांगे गिनाई। सम्मेलन के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री कौसल किशोर ने शिक्षामित्रों की मांगों का समर्थन करते हुए जायज बताया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों के प्रति गंभीर है। उन्होंने भरोसा दिया कि वह शिक्षामित्रों की मांग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखेंगे और जरूरत पड़ने पर इनके प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता भी कराएंगे।

अब धरना-प्रदर्शन के लिए लखनऊ नहीं आएंगे केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लखनऊ आएं, लेकिन धरना प्रदर्शन के लिए नहीं आना होगा। सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद सरकार ने सभी की परवाह की। आदर्श सामायोजित शिक्षक -शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वनाथ कुशवाहा ने कहा कि महासम्मेलन का उद्देश्य सरकार और शिक्षमित्रों के बीच भ्रांतियों को दूर करना। सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, एमएलएसी पवन सिंह चौहान, ध्रुव कुमार त्रिपाठी और शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह, चेयरमैन अरुण सिंह शामिल हुए।



महासम्मेलन में मौजूद केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर व अन्य।

मोदी-योगी के लगे नारे

शिक्षा मित्रों ने सरकार के समर्थन में मोदी और योगी के नारे लगाए। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव व उप्र. प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला और शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ कुशवाहा के समर्थन में जुटे प्रदेश भर के शिक्षामित्रों ने कहा कि भाजपा सरकार से बड़ी आस है।

छांव खोजनी पड़ी

सम्मेलन में सोमवार को शिक्षा मित्रों का हुजूम देखने को मिला। रमाबाई मैदान और आसपास की सड़कों पर सिर्फ शिक्षामित्र ही दिख रहे थे। मैदान में पेड़ व धूप बचाव के इंतजाम न होने की वजह से तेज धूप के चलते शिक्षामित्र छांव की तलाश में भटकते रहे। मैदान शिक्षामित्रों से खचाखच भरा था।

शिक्षामित्र को मिले उनका हक

कार्यकारी प्रदेश महामंत्री उमेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि लम्बे समय से स्कूलों में पढ़ा रहे डेढ़ लाख शिक्षा मित्र योग्य हैं। प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। जब शिक्षकों के समान कार्य कर रहे हैं तो वेतन भी समान मिलना चाहिए। सरकार इन्हें शिक्षकों के समान कार्य समान वेतन का लाभ दे। साल के 12 महीने का मानेदय दिया जाए। सेवानिवृत्त की उम्र 62 वर्ष की जाए। मृतक आश्रितों को सेवा का मौका दिया जाए। विकल्प के आधार पर तबादले का लाभ मिले। इस मौके पर शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारी व शिक्षामित्र शामिल हुए।