शामली : निलंबित शिक्षिका को बहाल करने के नाम पर एक लाख रुपये को रिश्वत लेने के मामले में लिपिक परिश्रम सैनी के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल मिश्रा भी फंस गए हैं। एंटी करप्शन के निरीक्षक की तरफ से जो मुकदमा दर्ज कराया गया है, उसमें परिश्रम सैनी और राहुल मिश्रा दोनों को नामजद किया गया है। वहीं आरोपित लिपिक को शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया।
एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को शिक्षिका रोना से एक लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में बीएसए कार्यालय के लिपिक परिश्रम सैनी को गिरफ्तार किया था। यह रकम शिक्षिका रोना को बहाल कराने के नाम पर ली गई थी। एंटी करप्शन के निरीक्षक महेश कुमार दुबे की तरफ से आदर्श मंडी थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में बताया गया है कि शिक्षिका ने कई बार बीएसए राहुल मिश्रा से बहाली के संबंध में बात की, तो वह कहते थे कि आपकी बहाली ऐसे नहीं हो पाएगी। गत 24 जनवरी को वह बीएसए से मिली तो उन्होंने कहा कि लिपिक परिश्रम से मिल लो, मेरी उनसे बात हो गई है। इस पर शिक्षिका ने परिश्रम से मुलाकात की, तो उससे कहा गया कि बहाली व मनपसंद स्कूल में तैनाती के लिए बीएसए एक लाख रुपये मांग रहे हैं, जब तक रुपये नहीं मिलेंगे बहाली के कागजात पर हस्ताक्षर नहीं होंगे। दर्ज मुकदमे में अष्टाचार निवारण अधिनियम और षड्यंत्र रचने की धारा भी लगे है।
“मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। इस मामले अब उच्च अधिकारी ही जांच करेंगे।” – राहुल मिश्रा