बरेली। यूपी बोर्ड परीक्षा से पूर्व जिले में टॉपर छात्रों की नहीं बल्कि थर्ड डिग्री से पास छात्रों की खोज हो रही है। बोर्ड के नियम के अनुसार हाथ से लिखने में अक्षम परीक्षार्थियों को थर्ड डिवीजन पास छात्र ही लेखक के रूप में मिल सकता है। अब मुश्किल ये है कि आज-कल 45 फीसदी या उससे कम नंबर गिनती के ही बच्चों के आते हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों को लेखक खोजे नहीं मिल रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 16 फरवरी से 4 मार्च तक होंगी। हाथ में चोट होने पर अथवा हाथ से दिव्यांग होने पर परीक्षार्थियों को मददगार के रूप में लेखक मिलता है। बोर्ड का यह नियम है कि लेखक परीक्षार्थी से ऊंची कक्षा में नहीं होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लेखक के अंतिम परीक्षा में 45 फीसदी से अधिक अंक न आए हों। मतलब वो छात्र थर्ड डिवीजन पास हो। यूपी बोर्ड ने जबसे मॉडरेशन नीति लागू की है तब से अधिकांश छात्र द्वितीय श्रेणी में पास होते हैं।