विधान परिषद में मंगलवार को सपा ने काम रोको प्रस्ताव के तहत भर्तियों एवं आरक्षण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष के साथ सपा सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। इसी दौरान सपा के सभी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। सपा सदस्य नहीं माने तो सभापति ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
शून्यकाल में नरेश चन्द्र उत्तम, स्वामी प्रसाद मौर्य आशुतोष सिन्हा व मुकुल यादव ने भर्तियों व आरक्षण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार आरक्षण को खत्म करने में लगी हुई है। साजिश के तहत वर्ग विशेष के लोगों को तैनाती दी जा रही हैं। आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रदेश के 100 विश्वविद्यालयों में 87 वीसी सवर्ण हैं। इसी तरह गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के 78 पदों पर भर्ती में 45 क्षत्रिय, 17 ब्राह्मण चुने गए हैं। इसी तरह सभी भर्तियों में भेदभाव किया जा रहा है। आए दिन पेपर लीक हो रहे हैं।
जवाब में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा के लोग अपराध को बढ़ावा देते हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता का फोटो वायरल होना इस बात का प्रमाण है। यह भी कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए इसमें यहां कुछ कहना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सपा शासन में पर्चा लीक होना धंधा बन गया था। कल्याण सिंह सरकार नकल अध्यादेश लाई तो सपा सरकार ने उसे खत्म कर दिया।सपा सरकार से जो खराब परंपराएं मिली हैं, उन्हें लगातार ठीक किया जा रहा है।
पेपर लीक कराने वाले सपा के लोग केशव
नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा शासन में 2012 से 2015 के बीच भर्ती आयोग जातीय आयोग बन कर रह गए थे। पेपर लीक कराने वाले सब आपके लोग हैं। राजनीतिक अपराधी पकड़े जा रहे हैं, उनका भी कनेक्शन आपसे निकल रहा है। कल से एक फोटो वायरल हो रही है। उसमें अपराधी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ खड़ा दिख रहा है। पेपर लीक कराने वाले गैंग ने सपा-बसपा के 15 साल शासन में पैर पसारे। हम उसे खत्म कर रहे हैं। उनके इस जवाब से सपा सदस्य नाराज हो गए और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।