फीस लौटाने का आदेश न मानने वाले स्कूलों पर सख्ती के संकेत



लखनऊ,। कोरोना काल में स्कूलों में वसूली गई फीस को वापस करने के हाईकोर्ट के सख्त फैसले के बाद भी प्रदेश भर के हजारों स्कूलों ने अब तक फीस की वापसी या समायोजन नहीं किया है। नोएडा के डीएम ने जब इस मामले में वहां के स्कूलों पर अर्थदण्ड लगाया तो पूरे प्रदेश में यह मामला एक बार फिर से गरम हो गया है।


सरकार ने भी इस मुद्दे पर जारी शासनादेश का हवाला देते हुए कार्रवाई करने के स़ंकेत दिए हैं। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में शासन की ओर से स्पष्ट आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसे सभी स्कूलों को मानना ही होगा अन्यथा कार्रवाई होगी। बताया जाता है कि शासनादेश के बाद कुछ ही स्कूलों ने कोरोना काल में ली गई ज्यादा फीस को अब तक वापस या समायोजित किया है।

सरकार ने कोर्ट के आदेश के तत्काल बाद ही सभी स्कूलों के लिए कोर्ट के आदेश के अनुसार कदम उठाने के लिए बकायदा शासनादेश जारी कर दिया था। उस निर्देश में यह भी व्यवस्था दी थी कि जो स्कूल फीस वापस नहीं करेंगे उनके खिलाफ अभिभावक जिला व मण्डल स्तरीय अपीलीय संगठन में जा सकते हैं। शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश में संचालित समस्त बोर्डों के सभी विद्यालयों द्वारा निर्धारित शुल्क दरों के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2020-21 में लिए गए शुल्क की 15 प्रतिशत राशि को वर्तमान शैक्षिक सत्र में समायोजित किया जाए।