प्राथमिक से लेकर उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित करने की प्रक्रिया कुछ आगे बढ़ी है। इस नए चयन आयोग के गठन की कवायद 2019 में भी हुई थी, तब अधिनियम भी बन गया था, लेकिन अस्तित्व में नहीं आ सका था। अब शासन ने मुख्यमंत्री बन गई। के निर्देश पर वर्ष 2019 में बने अधिनियम में संशोधनों एवं नए प्रविधानों सहित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक का नया ड्राफ्ट तैयार कराया है। कमेटी ने नए ड्राफ्ट में इस आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में बनाए जाने का प्रस्ताव किया है, जिस पर शासन स्तर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
चूंकि यह नया आयोग अब तक एडेड माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक भर्ती करने वाले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज और एडेड महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करने वाली संस्था उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग प्रयागराज की जगह लेगा, इसलिए प्रतियोगी मांग कर रहे थे कि इसका मुख्यालय प्रयागराज में बनाया जाए। हालांकि, जब 2019 में इस आयोग के गठन के प्रयास हुए थे, तब बने अधिनियम में भी इसका मुख्यालय प्रयागराज में बनाया जाना फाइनल था । अब जनवरी - 2023 में जब मुख्यमंत्री ने नए चयन आयोग के गठन के निर्देश दिए, तब यह स्पष्ट नहीं हुआ कि इसका मुख्यालय कहां होगा। इस कारण इस पर असमंजस की स्थिति बन गई है.
इधर, दो मई 2023 को एक आदेश में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डा. सुधीर एम बोबडे ने लिखा कि उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग में शिक्षकों एवं प्राचार्यों / प्रधानाध्यापकों के चयन के लिए चयन आयोग अधिनियम- 2019 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। ऐसे में उन्होंने नए गठित हो रहे चयन आयोग विधेयक का नया ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 12 सदस्यीय कमेटी गठित की। कमेटी के सदस्यों की बैठक बुलाकर दिशा निर्देश दिए गए। इसके बाद कमेटी ने अधिनियम 2019 में संशोधनों एवं नए प्रविधानों सहित नए विधेयक का ड्राफ्ट तथा वर्तमान अधिनियम एवं प्रस्तावित विधेयक के ड्राफ्ट का तुलनात्मक विवरण तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया है। इस पर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा।