प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे में रिक्त पद के सापेक्ष नियुक्ति करने के आदेश के विरुद्ध दाखिल बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की अपील 10 हजार रुपये हर्जाने के साथ खारिज कर दी है। कोर्ट ने हर्जाने की राशि का दो सप्ताह में भुगतान करने और एकल पीठ के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश भी दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एंव न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव की अपील पर सरकारी वकील और याची अनूप कुमार सत्संगी के अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार याची अनूप कुमार सत्संगी की मां इटावा जिले के एक प्राथमिक विद्यालय मे प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थीं। उनकी वर्ष 2013 में सेवा के दौरान मृत्यु हो गई। उसके बाद याची ने लिपिक के पद के लिए मृतक आश्रित कोटे में आवेदन किया। तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पद न होने का हवाला देकर याची का आवेदन निरस्त कर दिया था, जिसके विरुद्ध याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने याचिका पर बीएसए से वर्तमान स्थिति का व्यक्तिगत हलफनामा मांगा। बीएसए ने बताया कि वर्तमान में एक पद रिक्त है। कोर्ट ने रिक्त पद के सापेक्ष लिपिक के पद का नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया। इस आदेश के विरुद्ध सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने विशेष अपील दाखिल की। खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को सही माना और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की अपील को 10 हजार रुपये हर्जाने के साथ खारिज कर दिया।
कोर्ट ने हर्जाने की राशि दो सप्ताह में भुगतान करने का निर्देश दिया है। साथ ही एकल पीठ के आदेश का तत्काल अनुपालन करने का भी निर्देश दिया है।