प्रतियोगियों ने नए शिक्षा सेवा चयन आयोग को कैबिनेट से मंजूरी मिलने का स्वागत किया है और मांग की है कि प्रदेश में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का दावा है कि प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों के तकरीबन 1.75 लाख पद रिक्त पड़े हैं।
नए आयोग के गठन के बाद रिक्त पदों का विवरण सार्वजनिक किया जाना चाहिए और आयोग को एक कैलेंडर जारी करते हुए विज्ञापन की तिथि से लेकर आवेदन, परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए समयावधि तय करनी चाहिए।
वहीं, प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि नए आयोग के गठन से लंबित पड़ी भर्तियों के पूरा होने का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को काफी राहत मिलेगी, लेकिन यह भी देखना चाहिए कि जो पद रिक्त पड़े हैं और उनके विज्ञापन जारी नहीं किए गए हैं. उन्हें भी समय रहते पूरा करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर टीजीटी-पीजीटी के 4163 पदों के लिए वर्ष 2022 में विज्ञापन जारी किया गया था, जबकि रिक्त पदों की संख्या इससे कई गुना अधिक है।
ऐसे में रिक्त पदों को पूर्व में जारी विज्ञापन में समाहित करना चाहिए, ताकि आवेदन कर चुके अधिक से अधिक अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ें। इस बारे में प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष वरुण शर्मा, प्रदेश संयोजक अनिल कुमार उपाध्याय और प्रदेश महासचिव कृपा शंकर निरंकारी का कहना है कि नए आयोग के फेर में सालभर से प्रमुख भर्तियां फंसी हुई हैं। लंबित भर्तियाँ जल्द शुरू की जाएगी.
ऐसे में रिक्त पदों को पूर्व में जारी विज्ञापन में समाहित करना चाहिए, ताकि आवेदन कर चुके अधिक से अधिक अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर बढ़ें। इस बारे में प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष वरुण शर्मा, प्रदेश संयोजक अनिल कुमार उपाध्याय और प्रदेश महासचिव कृपा शंकर निरंकारी का कहना है कि नए आयोग के फेर में सालभर से प्रमुख भर्तियां फंसी हुई हैं। लंबित भर्तियाँ जल्द शुरू की जाएगी.