स्कूल में गंदगी का अंबार, व्यवस्थाएं धड़ाम स्वच्छ भारत मिशन की खुली पोल


फतेहपुर बकेवर विकासखंड देवमई के भटपुरवा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय की हालात ने स्वच्छ भारत मिशन की खोल दी पोल बच्चों के लिए पानी पीने तक की व्यवस्था नही और ना ही शौचालय की कोई व्यवस्था उत्तर प्रदेश की सरकार ने भले ही कितने बड़े दावे किए हो लेकिन विकासखंड के देवमई के प्राथमिक विद्यालयों का हाल इतना बत्तर हो गया है बच्चो के पेरेंट्स बच्चो को विद्यालय भेजने में कतरा रहे है। 

विद्यालय में गंदगी के साथ ही जल भराव की समस्या बनी हुई है प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर ललित उमराव विद्यालय परिसर पर कभी भी नहीं मिलते! प्राथमिक विद्यालय में 12 छात्रों का नामांकन है और दो शिक्षकों की तैनाती है। विद्यालय में काफी दिनों से सफाई नहीं कराई है। सफाई के अभाव में विद्यालय चारों ओर से झाड़ियों से घिरा हुआ है गंदगी के अंबार लगे है। विद्यालय परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग गई है। 

विद्यालय परिसर में गंदगी होने के कारण संक्रमण होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि जब भी विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी जाती है तो अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं गूंजती है शिक्षा जगत के नाम पर केवल खाना पूर्ति जैसा कम विकासखंड दवाई के प्राथमिक विद्यालयों में किया जा रहा है हकीकत तो यह है कि कई ऐसे विद्यालय हैं जो स्वच्छ भारत मिशन की योजना पर पानी फेरते नजर आए शौचालय की व्यवस्था धड़ाम


लाखों रुपए की लागत से बनाया गया शौचालय की व्यवस्था धड़ाम देखी! बच्चों को शौचालय जाने के लिए नहीं है कोई भी व्यवस्था!

प्यास से तड़पते है बच्चे

मासूम बच्चों के लिऐ पानी की भी नही है कोई व्यवस्था दूर से बाल्टियों में भरकर पानी लाया जाता है ! बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़ प्रशासन की लापरवाही के चलते गंदगी में बच्चे पढ़ने को है मजबूर अध्यापक नहीं निभा रहे अपना दायित्व एबीएसए प्रवीण कुमार शुक्ला को जब भी फोन किया जाता है तो एबीएसए प्रवीण कुमार शुक्ला कभी भी फोन नहीं उठाते हैं।