दो माह से मानदेय न मिलने से शिक्षामित्रों को संकट

 

सुलतानपुर। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षामित्रो को दो माह से मानदेय नही मिल सका है। इससे उनके सामने आर्थिक संकट है। शिक्षामित्रों ने जल्द मानदेय न मिलने पर जिला मुख्यालय घेराव की चेतावनी दी है।




जिले में एक हजार सात सौ सतहत्तर शिक्षामित्र सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हैं। उन्हें दस हजार प्रति माह की दर से मानदेय दिया जाता है। एक माह मानदेय में एक करोड़ 77 लाख रुपए का ग्रांट राज्य सरकार के द्वारा भेजा जाता रहा है। मगर,वर्तमान में दो माह से ग्रांट नहीं भेजी जा रही है। महंगाई, बीमारी, खाना ,कपड़ा ,माता-पिता की सेवा ,बच्चों की पढ़ाई का बोझ इनके साहस को तोड़ रहा है। इसका प्रभाव परिषदीय विद्यालय में अध्यनरत बच्चों के ऊपर पड़ना स्वाभाविक है।


आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिनेश चंद्रा ने बताया कि शिक्षामित्र अपनी पूरी जवानी परिषद के विद्यालय के बच्चों को संवारने में लगा दिए,लेकिन इनका खुद का जीवन बहुत ही दयनीय हो गया है । सरकार समय से समस्याओं का निस्तारण नहीं करती है तो मजबूरन शिक्षामित्रों के साथ संघर्ष करने के लिए हम तैयार हैं।जिला महामंत्री प्रदीप यादव के द्वारा बताया गया कि सरकार दो माह से ग्रांट नहीं भेज रही है जिससे शिक्षामित्र को मानदेय नहीं मिल पाया है। संगठन के मांग पर विभाग द्वारा शिक्षा महानिदेशक को पत्र भेजा गया,लेकिन अभी तक मानदेय ग्रांट उपलब्ध न होने से दो माह का मानदेय अवशेष है ‌। समय रहते ही मानदेय उपलब्ध नहीं हुआ तो अपने संगठन के बैनर तले शिक्षामित्र अपने परिवार बच्चों के साथ जनपद मुख्यालय का घेराव करने के लिए विवश होंगे।