प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाने वाले प्रदेश भर के 3.74 लाख रसोइयों को जल्द ही कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण (एमडीएमए) ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। वहां से मंजूरी मिलते ही एमडीएम के रसोइयों को पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।
विभागीय सूत्रों की माने तो शासन को प्रेषित प्रस्ताव में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन योजना से संबंधित प्रदेश भर के तीन लाख 74 हजार 858 रसोइये एवं उनके परिवारों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रति परिवार 1102 रुपये प्रीमियम आएगा।
इस प्रकार से सरकार पर मेडिक्लेम प्रीमियम का सालाना व्ययभार 41 करोड़ 30 लाख 93 हजार 316 रुपये प्रति वर्ष आएगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि रसोइयों को कैशलेस योजना से जोड़े जाने के बाद उनके स्वयं के अलावा उनके परिवार के सदस्यों को भी अस्पतालों में तत्काल कैशलेस इलाज मिल सकेगा उल्लेखनीय है कि कैशलेस सुविधा की मांग को लेकर रसोइये पिछले कई माह से चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन चला रहे हैं और इस दौरान उनके साथ हुए समझौतों में जिम्मेदार उन्हें यह सुविधा जल्द ही मुहैय्या कराने का आश्वासन भी प्रदान कर चुके हैं।
बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रसोइयों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि करने से लेकर उनके लिए अलग से ड्रेस कोड लागू करने तथा कैशलेस इलाज की सुविधा दिलाने का आश्वासन दिया था। सीएम योगी के मानदेय बढ़ाने और यूनिफॉर्म दिलाने का वादा पूरा हो चुका है। अब केवल कैशलेस इलाज पर ही निर्णय लिया जाना है जिसके लिए एमडीएमए की ओर से प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
प्रस्ताव में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि आर्थिक रूप से बेहद कमजोर ये रसोइये पैसे के अभाव में अपना या अपने परिजनों का इलाज नहीं करा पाते। ऐसी स्थिति में उनकी मौत तक हो जाती है। कैशलेस सुविधा मिल जाने पर धन के अभाव में ये गम्भीर रोग या मौत से बच सकेंगे।