बाराबंकी। सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होने की बात तो आपने सुनी होगी, मगर अब इन विद्यालयों के बच्चों को आम बोलचाल में संस्कृत भाषा का प्रयोग करना सिखाया जाएगा। शुरुआती दौर में जिले के तीन शिक्षकों को डायट की ओर से प्रशिक्षण के लिए सात से नौ नवंबर तक वाराणसी भेजा जाएगा और यह शिक्षक जिले के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। जिले के 2626 विद्यालयों में साढ़े तीन लाख बच्चे पंजीकृत हैं।
दरअसल, नई शिक्षा नीति में हिंदी व संस्कृत भाषा के उत्थान पर जोर दिया गया है। इसके लिए कई कवायद बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है। इसी को देखते हुए राज्य हिंदी संस्थान ने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को संस्कृत से जोड़ने की पहल की है।
संस्थान की ओर से डायट को पत्र भेजा गया है, जिसमें सात से नौ नवंबर तक जिले के तीन शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए वाराणसी भेजा जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार राज्य हिंदी संस्थान की ओर से संस्कृत की 27 सामग्री वाली किट भी विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस कवायद के तहत विद्यालयों में अभिवादन, संबोधन के साथ आम बोलचाल में संस्कृत भाषा के प्रयोग के लिए नौनिहालों को प्रेरित किया जाएगा।
बच्चे नमस्कारम् कहेंगे तो गुरुजी आयुष्मान भवः कहकर आशीर्वाद देंगे। आइए को आगच्छतु, बैठिए को उपविशतु नमस्ते को नमो नमः, थैक्स को धन्यवाद, किताब को पुस्तिका, अखबार को वार्तापत्रम्, कलम को लेखनी आदि कहना सिखाया जाएगा।
प्रशिक्षण लेने तीन शिक्षक जाएंगे वाराणसी
हिंदी संस्थान विद्यालयों में संस्कृत भाषा के उत्थान की कोशिश में लगा है। तीन शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए वाराणसी भेजा जाएगा। जो जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। नौनिहालों को संस्कृत भाषा में अभिभावदन, संबोधन के लिए प्रेरित किया जाएगा। - आरपी यादव, प्रवक्ता संस्कृत, डायट