सरकार की नियमावली ही गलत है नही कर सकते प्रमोशन - हिमांशु राणा


पदोन्नत्ति ~

सभी को पता है सरकार की क्या मंशा रही है पदोन्नत्ति को लेकर केवल तारीख़ और अधूरे नियमों पर पदोन्नत्ति करने की चाह ने सरकार के अधिकारियों को इतना अंधा बना दिया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाले कार्य बेसिक नियमों को तांक पर रखकर किये जाने लगे हैं। 

TET की माँग करना जायज़ है लेकिन जिस पेड़ से फल खाना चाहते हो उसी पेड़ की मूल जड़ों का ध्यान भी तो देना चाहिए तो उसी संदर्भ में विस्तार से मेरी पोस्ट को पढ़िए कि पदोन्नत्ति क्यों सम्भव नही है। 

बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति पदोन्नत्ति या स्थानांतरण सब बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के तहत होते हैं यानी आपको कोई भी कार्य करना है तो पहले वहाँ रूल में होना चाहिए उसके बाद ही आप इस कार्य को कर पाएँगे। 
जब RTE act लागू हुआ तो केंद्र के नियमों को अपनी नियमावली में हर प्रकार से प्रभावी करने का दायित्व राज्य सरकारों का बनता है इसका साधारण सा उदाहरण है कि जब TET लागू हुआ तो नियुक्ति प्रक्रिया में TET को लागू किया तभी जाकर नियुक्तियाँ सम्भव हुई। 

NCTE - केंद्र सरकार के अंतर्गत पूरे देश के शिक्षकों की न्यूनतम अहर्ता को निर्धारित करने का कार्य NCTE द्वारा किया जाता है। 
NCTE ACT 1993 में वर्ष 2011 में हुए संशोधन के अनुसार section 12 को संशोधित करते हुए 12A लाया गया जिसके अनुसार देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक से लेकर इंटर तक के अध्यापकों के लिए न्यूनतम अहर्ता को NCTE ही तय करेगा। 
उसी से संदर्भ लेते हुए वर्ष 2014 में पदोन्नत्ति हेतु न्यूनतम अहर्ता में TET लागू किया गया जिसके लिए एक पायदान से दूसरे पायदान पर जाने के लिए अर्थात प्राथमिक का हेड हो या उच्च प्राथमिक का शिक्षक लेवल अनुसार TET mandatory हो चुका है जिसको बाल दिया उत्तर प्रदेश में सूबेदार यादव और मद्रास उच्च न्यायालय के निर्णयों ने। 
NCTE अपना clearification स्पष्ट रूप से दे चुका है। 

उत्तर प्रदेश में कहाँ दिक्कत है - इन्होंने आजतक भी पदोन्नत्ति को लेकर नियमावली में संशोधन नही किया है यानी TET mandatory है लेकिन जब तक नियम नियमावली में स्थापित नही होंगे तब तक ये पदोन्नत्ति कैसे कर सकते हैं, कुछ लोग कह रहे हैं पहले हो चुकी है तो उन्हें बस ये बता दें कि तब हम नही थे लेकिन अब हम हैं तो उनका भी जुगाड़ करेंगे कि बिना TET पदोन्नत्त कैसे कर दिया गया उन्हें। 

उसी क्रम में याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में डाल दी गई है जो जल्दी ही पटल पर दिखेगी। 
देखिए अपना सीधा सा कहना है होगा तो नियमों से होगा वरना किसी का नही होगा TET mandatory है सब NCTE के नियमों से होगा फला फला कहकर तो ये बच जाते हैं लेकिन मैं इनकी जड़ों पर प्रहार करूँगा वो भी ऐसा कि ये पदोन्नत्ति नाम से चिढ़ जाएँगे और घसीटेंगे इन्हें दिल्ली तक। 

अधिकारियों की मन मानी नही चलने देंगे और इसके बाद पदों का जो ये झोल कर रहे हैं उस पर भी इन्हें सीधा किया जाएगा मतलब हद नही हैं इनकी जब जी चाहा मुँह उठाकर अपने अनुसार कभी के भी समय का डेटा लिया और हाँक दिया शिक्षकों को, अब ऐसा नही होगा जैसे ये हमसे कहते हैं कि काम चोर हो तो ये ही कौन सा साहूकार हैं। 
वो ज़माने गए जब मास्टर हाँक दिया जाता था आज का मास्टर पढ़ लिखकर qualify करके मास्टर बन रहा है और इतना क़ानून तो सरकार की कृपा से हम जानते ही हैं। 

ख़ैर TET लागू हो ये IMP नही है TET नियमों के तहत लागू हो ये IMP है तो जल्द ही इनका प्रबंध करते हैं। 

#rana