नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार बदलाव की तैयारी, हाईस्कूल में सात विषयों की देनी होगी बोर्ड परीक्षा


प्रयागराज। यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में अध्ययनरत हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को अब सात विषयों की बोर्ड परीक्षा देनी होगी। वर्तमान में छह विषय की ही बोर्ड परीक्षा होती है जिसमें पांच अनिवार्य होते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) 2023 या राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के तहत हाईस्कूल के शैक्षणिक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन की तैयारी है जिसकी शुरुआत कक्षा नौ से होगी।

इसके लिए बोर्ड मुख्यालय में विषय विशेषज्ञों की कार्यशालाएं चल रही हैं। प्रस्तावित संशोधन का मसौदा बनाकर शासन को भेजा जाएगा और मंजूरी के बाद उसे लागू करेंगे। फिलहाल विभिन्न विषयों को वर्गीकृत किया जा रहा है। विद्यार्थियों को भाषा के तहत अनिवार्य रूप से तीन भाषा पढ़नी होगी। हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, उर्दू, बांग्ला आदि भाषा में से कोई एक लेनी होगी। तीनों भाषा का अलग-अलग पेपर होगा। इसके अलावा चौथा पेपर मैथेमेटिक्स एंड कंप्यूटेशनल थिंकिंग, पांचवां पेपर विज्ञान और छठवां प्रश्नपत्र सामाजिक विज्ञान का रहेगा। सातवां पेपर पर्यावरण शिक्षा का जोड़ा जा रहा है।



तीन अतिरिक्त विषयों का स्कूल स्तर पर मूल्यांकन

पाठ्यक्रम में संशोधन के बाद सात विषयों की बोर्ड परीक्षा होगी। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को तीन अतिरिक्त विषयों आर्ट एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन एंड वेल बीईंग और वोकेशनल एजुकेशन भी पढ़ना होगा। इनका मूल्यांकन स्कूल स्तर पर होगा लेकिन परीक्षकों को दूसरे स्कूल से बुलाना होगा। आर्ट एजुकेशन के तहत गायन, वादन, चित्रकला एवं रंजनकला, फिजिकल एजुकेशन एंड वेल बीईंग में शारीरिक शिक्षा एवं योग आदि को रखा गया है जबकि वोकेशनल कोर्स में मोबाइल रिपेयरिंग, ऑटोमोबाइल, रिटेल ट्रेडिंग आदि में से कोई एक विकल्प मिलेगा।