कैसे निपटेंगे परिषदीय शिक्षकों के ढेरों कार्य, ड्यूटी से आ रही समस्या

 

फर्रुखाबाद,  परिषदीय शिक्षकों से विद्यालय अवधि में भले ही पठन पाठन के अलावा कोई अन्य कार्य न कराये जाने को लेकर समय समय पर निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बाद भी शिक्षकों को विभिन्न कार्यों में ड्यूटी मुश्किल पैदा कर रही है। 31 मार्च को समाप्त होने वाले शैक्षणिक वर्ष में छात्रों को टीसी देने से लेकर नवीन प्रवेश को भी ऑनलाइन किए जाने की योजना है। ऐसे में शिक्षक इस बात से परेशान हैं कि वह विभिन्न प्रकार की अन्य ड्यूटी लगने पर ऐसे कार्य कैसे निपटायेंगे। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से भी लोक सभा चुनाव के लिए स्थापित काल सेंटर में परिषदीय अध्यापकों की तैनाती कर दी गयी है।




 यह अध्यापक निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने से अधिसूचना समाप्ति तक विद्यालय से कार्यमुक्त होकर जिला मुख्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में बिना अवकाश के कार्य करेंगे। अधिसूचना की अवधि सामान्यता ढाई से तीन माह तक होती है। जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है उनमें कई शिक्षक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। 



तीन सत्रों में जो ड्यूटी लगायी गयी है उनमें आदेश अवस्थी, पवन कुमार गुप्ता, पीयूष त्रिपाठी, विवेक कुमार, सचिन कनौजिया, मुनेश कुमार, प्रभाकर, अनूप कुमार, सत्यप्रकाश हैं। प्रधानाध्यापक जैसे अहम पद पर कार्यरत होने से विद्यालय संचालन में भी मुश्किल पैदा होगी। ऐसे में मार्च माह में वित्तीय कार्यो के अलावा वार्षिक परीक्षा, परिणाम की घोषणा, टीसी निर्गत करने में भी समस्या होगी। अपै्रल माह में भी नवीन नामांकन प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों का सत्यापन, पंजीकरण, डीबीटी जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी होंगे। जिनको करने में भी समस्या खड़ी होगी। शिक्षकों का कहना है कि इसके अलावा पुस्तक वितरण, निपुण लक्ष्य, मध्यान्ह भोजन, शिक्षण व्यवस्था व अन्य कार्यो पर भी विपरीत असर पड़ेगा। खासतौर पर प्रधानाध्यापकों को तीन माह के लिए विद्यालय से बाहर रखने में विभिन्न प्रकार की समस्यायें पैदा होना तय है।