सम्पत्ति का ब्योरा देने पर ही शिक्षकों की पदोन्नति

माध्यमिक शिक्षकों को अब पदोन्नति तभी मिलेगी जब वे अपनी चल-अचल सम्पत्तियों का ब्योरा मानव सम्पदा पोर्टल पर दर्ज करेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में ए़क आदेश जारी कर कहा है कि 30 जून तक सभी शिक्षकों को अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करा दें तभी उन्हें प्रोन्नति आदि का लाभ मिल सकेगा।



विभाग ने संपत्ति घोषित नहीं करने वाले शिक्षकों के नाम चेतावनी भी जारी की है। साथ ही कहा है कि तय तिथि के भीतर पोर्टल पर चल-अचल सम्पत्तियों का विवरण प्रस्तुत नहीं किया जाना प्रतिकूल तथ्य के रूप में लिया जायेगा और चयन समितियों की बैठकों में इस तथय को संज्ञान में लेकर ऐसे शिक्षकों की सत्यनिष्ठा को प्रमाणित न मानते हुए उनकी पदोन्नति के प्रकरण पर कतई विचार नहीं किया जायेगा।


दरअसल पिछले वर्ष 31 दिसंबर तक सभी शिक्षकों को पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा दर्ज किए जाने के शासन व विभागीय निदेशालय की ओर से निर्देश दिए गए थे। लेकिन ज्यादातर शिक्षकों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया नतीजा 14 जून तक प्रदेश भर के 17, 78,405 शिक्षक कर्मियों में से मात्र 18,600 शिक्षकों ने पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का ब्यौरा दर्ज किया है। लापरवाही को देखते हुए सरकार ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों से कहा है कि पोर्टल पर 30 जून तक सम्पत्तियों का विवरण अनिवार्य रूप से दर्ज करा दें अन्यथा ऐसे शिक्षकों की प्रोन्नति पर विचार नहीं होगा। ऐसे शिक्षक कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही भी की जायेगी।