69 हजार शिक्षक भर्ती के चयनित
शिक्षकों ने अपनी नौकरी बचाने के लिए गुरुवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) का घेराव किया। अनारक्षित श्रेणी के शिक्षकों की भारी भीड़ और यहां पहले से धरना दे रहे आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के बीच कोई टकराव न हो इसके लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। चार साल से नौकरी कर रहे ये शिक्षक आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के सामने ही एक दिवसीय सांकेतिक धरने पर बैठे रहे। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से वार्ता के बाद शाम को शिक्षक वापस लौटे।
प्रदर्शनकारी अनारक्षित श्रेणी के शिक्षक सुबह नौ बजे से ही एससीईआरटी परिसर में जुटने लगे। सुबह 11:30 बजे तक पूरा परिसर भर गया। अभ्यर्थियों के हाथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कटआउट था, जिस पर लिखा था "आप ही नियोक्ता, आप ही हमारे संरक्षक"। यहां पहले से ही आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी नई मेरिट सूची व काउंसिलिंग कार्यक्रम जारी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
टकराव न हो इसके लिए पुलिस ने रस्सी बांधकर दोनों पक्षों के बीच फासला किया। अभ्यर्थी सर्वेश प्रताप सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 से उनके जैसे हजारों शिक्षक नौकरी कर रहे हैं और अब चार साल बाद अचानक उन्हें हटाने की कोशिश की जा रही है। सरकार से हमारी मांग है कि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को नौकरी दे लेकिन हमारी रोजी रोटी न छीने।
उधर दोपहर करीब 3:30 बजे अनारक्षित श्रेणी के शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से कराई गई। महानिदेशक उन्हें आश्वासन दिया कि हाई कोर्ट ने के आदेश का पालन कराया जाएगा और नई मेरिट सूची तैयार की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों से यह भी पूछा कि आप बिना छुट्टी लिए स्कूल छोड़कर यहां कैसे आ गए? शिक्षकों ने जवाब दिया कि वह आकस्मिक अवकाश लेकर आए हैं। शाम करीब 5:30 बजे धरना खत्म कर शिक्षक वापस लौटे तो पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी
आगे भी अपना रखेंगे। इन है कि 19 की गड़बड़ी शांतिपूर्ण धरना जारी अभ्यर्थियों का कहना हजार पदों पर आरक्षण की गई है। टीईटी पास 138 शिक्षामित्र त्रुटिवश कम नौकरी नहीं भी वहां पहुंचे जिन्हें भरांक मिलने के कारण मिल पाई.