लखनऊ। देश में 10 से 19 साल के किशोरों में न सिर्फ व्यवहारिक बल्कि शारीरिक व स्वास्थ्य से जुड़े भी बदलाव होते हैं। इसे देखते हुए इन किशोरों को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही इससे जुड़े बेहतर शोध भी किए जाएं। इसे ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से शनिवार से तीन दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया।
राजधानी के एक होटल में राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा परियोजना (एनपीईपी) की मध्यावधि समीक्षा बैठक शनिवार को शुरू हुई। इसमें एनसीईआरटी की प्रो. गौरी श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम के तहत किशोरों के स्वास्थ्य और उनके सर्वांगीण विकास पर जोर दिया। उन्होंने
जनसांख्यिकी लाभांश के प्रभावों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी एससीईआरटी इस पर फोकस होकर काम करें।
एससीईआरटी लखनऊ के निदेशक गणेश कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के अंतर्गत टीम वर्क, मूल्य संवर्धन और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को बताया। संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखने पर जोर दिया। उन्होंने शारीरिक व्यायाम और प्ले ग्राउंड की आवश्यकता पर विशेष बल दिया, साथ ही ड्रग्स और इंटरनेट की लत के खतरों की भी चर्चा की। तीन दिवसीय समीक्षा बैठक में 34 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, पांच क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों के लगभग 70 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। ब्यूरो